गोल्डन पार्क बदहाल, भ्रष्टाचार की एक साल से हो रही जांच

कस्बे का इकलौता गोल्डन पार्क बदहाल है। पौने दो साल पहले 25 लाख से सुंदरीकरण हुआ था पर लोगों को फायदा नहीं हुआ। पार्क के बड़े और छोटे दोनों गेट डस्टबिन और बैंच टूटे हैं। घास और पेड़-पौधे बेतरतीब बढ़े हैं। अनियमितताओं की जांच एक साल से जांच चल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Jul 2021 08:47 AM (IST) Updated:Mon, 05 Jul 2021 08:47 AM (IST)
गोल्डन पार्क बदहाल, भ्रष्टाचार की एक साल से हो रही जांच
गोल्डन पार्क बदहाल, भ्रष्टाचार की एक साल से हो रही जांच

जागरण संवाददाता, समालखा : कस्बे का इकलौता गोल्डन पार्क बदहाल है। पौने दो साल पहले 25 लाख से सुंदरीकरण हुआ था, पर लोगों को फायदा नहीं हुआ। पार्क के बड़े और छोटे दोनों गेट, डस्टबिन और बैंच टूटे हैं। घास और पेड़-पौधे बेतरतीब बढ़े हैं। अनियमितताओं की जांच एक साल से जांच चल रही है। फिलहाल पूर्व विधायक भरत सिंह छौक्कर और पार्क योग समिति ने इसे संवारने का बीड़ा उठाया है।

गोल्डन पार्क आबादी के बीच है। इसके पूर्वी भाग में जीटी रोड तो उत्तरी में रेलवे और दक्षिणी भाग में ब्लूजे रोड है। पूर्व पार्षद श्याम सुंदर बरेजा और कुलभूषण अरोड़ा कहते हैं कि यहां का विकास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। शिकायत को एक साल से अधिक हो चुका हैं, लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है। 25 लाख के विकास कार्यों में केवल टावर लाइट, ओपन जिम और फुटपाथ का चौड़ीकरण दिखाई दे रहा है।

जिम के उपकरणों की हालत खस्ताहाल है। ठेकेदार वारंटी के बावजूद उसकी मरम्मत नहीं करवा रहा है। सोख्ता बंद है। पार्क में जलभराव हो रहा है। करीब दो दर्जन कूड़ेदानों में सभी टूट चुके हैं। पार्क समिति के सदस्यों में रोष

मास्टर धर्मपाल कुहाड़, रामनिवास, विकास शाहू, संदीप व सचिन गर्ग, संजय, चंद्रभान, सत्य नारायण शर्मा कहते हैं कि नवंबर, 2019 में जिम सहित पार्क के जीर्णोद्धार के लिए करीब 30 लाख रुपये का टेंडर लगा था। उसमें चारदीवारी, ट्रैक, वाटर हार्वेस्टिग, डस्टबिन, लाइट आदि काम होने हैं। घटिया क्वालिटी से चार माह बाद कूड़ेदान टूट गए। वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम फेल हो गया। दीवार का काम नहीं हुआ। वहीं ट्रैक का निर्माण भी सही तरीके से नहीं किया गया। बेसहारा पशु पार्क में आते हैं। रोशनी के अभाव में नशेड़ियों का शाम में जमावड़ा होता है। छौक्कर ने कराई व्यवस्था

पूर्व विधायक भरत सिंह छौक्कर ने बताया कि उन्होंने तीन माली, तीन मजदूर और दो स्वीपरों की मदद से पार्क में सुधार का प्रयास किया है। विगत चार दिनों में काफी सुधार हुआ है। टावर लाइटों की मरम्मत करवाई जाएगी। पेड़-पौधों की कटाई, सिचाई और छंटाई के लिए माली लगे हैं। करीब पांच टन कचरा पार्क से निकाला गया है।

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