यमुनानगर में आयुष्मान पखवाड़ा में चार हजार पात्रों के बनाए गए गोल्डन कार्ड, नौ हजार परिवारों के बनने हैं कार्ड

आयुष्‍मान पात्रों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने कवायद तेज कर दी है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने इस पखवाड़े में नौ हजार लोगों का कार्ड बनाने का लक्ष्‍य रखा है। वहीं अब तक चार हजार पात्रों के कार्ड बनाए जा चुके हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 11:49 AM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 11:49 AM (IST)
यमुनानगर में आयुष्मान पखवाड़ा में चार हजार पात्रों के बनाए गए गोल्डन कार्ड, नौ हजार परिवारों के बनने हैं कार्ड
यमुनानगर में आयुष्मान कार्ड नौ हजार बनाने का लक्ष्‍य।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। आयुष्मान के पात्रों को तलाशने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयुष्मान पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इस बार पात्रता की सूची में शामिल नौ हजार परिवारों के कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनाने का लक्ष्य रखा गया। 15 से 30 सितंबर तक यह पखवाड़ा चलाया गया। 15 दिन में चार हजार कार्ड ही बन सके। अब आयुष्मान पखवाड़ा बढ़ाकर 15 अक्टूबर तक कर दिया गया है।

आयुष्मान योजना के पात्रों काे तलाशना स्वास्थ्य विभाग के लिए मुश्किल हो रहा है। तीन साल से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक सभी पात्रों के गोल्डन कार्ड नहीं बन सके हैं। जिले में चार लाख 24 हजार 50 अायुष्मान कार्ड धारक हैं। इनमें से अभी तक दो लाख 10 हजार 506 पात्रों के ही कार्ड बन सके हैं। कई बार कैंप लगाए जा चुके हैं। अब एक बार फिर से आयुष्मान पखवाड़ा शुरू किया गया है।

नौ हजार परिवारों की मिली थी सूची

स्वास्थ्य विभाग को नौ हजार ऐसे परिवारों की सूची मिली थी। जिसमें पूरे परिवार से केवल एक ही सदस्य का कार्ड बना हुआ था। जबकि इस योजना में शामिल परिवार के सभी सदस्यों का कार्ड बनाया जाता है। जागरूकता के अभाव में लोग इस ओर ध्यान नहीं देते। इसलिए ही विभाग ने इन परिवारों को प्राथमिकता की श्रेणी में रखा। जिससे सभी सदस्यों के गोल्डन कार्ड बन जाए। इसके साथ ही आयुष्मान पखवाड़ा में ऐसे पात्रों के भी कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिन्हें अभी तक यह नहीं पता लगा कि उनका नाम पात्रता सूची में है। इसके लिए अटल सेवा केंद्र या स्वास्थ्य विभाग की हेल्प डेस्क पर पात्रता का पता लगाया जा सकता है। इसके बाद उन लोगों का कार्ड बनाया जा रहा है।

आयुष्मान पात्रों के लिए कोरोना काल में भी लगे शिविर

स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना महामारी में भी शिविर लगाए थे। मार्च व अप्रैल माह में शहर व देहात में कैंप लगाए गए थे। जिसमें 20 हजार पात्रों के कार्ड बनाए गए। काफी लोगों को फायदा हुआ, क्योंकि सरकार ने कोरोना को आयुष्मान योजना में शामिल कर दिया था। जिससे कोरोना की चपेट में आने वाले पात्र परिवारों का निशुल्क इलाज हुआ।

यह है विभाग के सामने परेशानी

दरअसल, 2011 की जनगणना के आधार पर आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का चयन किया गया था। वर्ष 2018 में यह योजना शुरू हुई। अब उस समय दिए गए मोबाइल नंबर व पता बदल चुका है। जिससे पात्रों को तलाशने में दिक्कत आ रही है। कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो पात्रता के दायरे में हैं। लेकिन यहां से छोड़कर दूसरी जगह जा चुके हैं। उनके कार्ड उसी जिले से बनेंगे। जहां पर उनका नाम पात्रता सूची में है।

आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डा. अश्विनी अलमादी ने बताया कि आयुष्मान पखवाड़ा चलाया जा रहा है। पात्रों से अपील है कि वह शिविर में जाकर गोल्डन कार्ड बनवाएं और इस योजना का लाभ लें। पात्रता के बारे में भी शिविर में जाकर पता किया जा सकता है।

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