अमेरिका में हरियाणा की यशिका का कमाल, सबसे ऊंची उड़ान भर जीती मिलिया एयर हार्ट स्कालरशिप

हरियाणा की यशिका खत्री ने विमान उड़ाने की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। यशिका मिलिया एयर हार्ट स्कालरशिप प्राप्त करने वाली विश्व की 35 महिलाओं में शामिल हो गई हैं। वह अब अंतरिक्ष की उड़ान भरना चाहती हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 01:54 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 03:23 PM (IST)
अमेरिका में हरियाणा की यशिका का कमाल, सबसे ऊंची उड़ान भर जीती मिलिया एयर हार्ट स्कालरशिप
मिलिया एयर हार्ट स्कालरशिप प्राप्त करने वाली यशिका खत्री।

विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र। जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है, जिंदगी के कई इम्तिहान अभी बाकी हैं, अभी तो नापी है मुट्ठीभर जमीन हमने, आगे सारा आसमान बाकी है...। इन पंक्तियों को कुरुक्षेत्र की बेटी यशिका खत्री ने चरितार्थ कर दिखाया है। यशिका के यश का बखान आकाश मंडल तक तो हो गया है, मगर उनकी उड़ान अंतरिक्ष तक भरने की है।

एरिजोना के एम्ब्री रिडल ऐरोनोटिकल विश्वविद्यालय में यशिका प्लेन (विमान) उड़ाने की प्रतियोगिता में प्रथम आई तो उनका नाम यूनाइटेड स्टेट आफ अमेरिका (यूएसए) की ओर से विश्व की उन 35 महिलाओं में शामिल किया, जिन्हें मिलिया एयर हार्ट स्कालरशिप प्रदान की गई। इसके लिए यशिका को 10 हजार डालर देकर स्कालरशिप से सम्मानित करने के साथ ही एक साल तक एक विमान पर उसका नाम भी अंकित किया गया। इस विमान पर भारत का तिरंगा भी एक साल तक फहराता रहेगा।

यशिका उसी कोलोराडो विश्वविद्यालय में एयरोनाटिकल विषय से पीएचडी कर रही हैं, जहां से अंतरिक्ष यात्री स्वर्गीय कल्पना चावला ने एयरोनाटिकल में इंजीनियरिंग की थी। उन्होंने कहा कि अगर बेटियों को मौका दिया जाए तो वे देश का नाम विश्व में बुलंद कर सकती हैं। गत दिवस हैरिटेज विरासत में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें डा. महासिंह पूनिया ने सम्मानित किया। यशिका का सपना भी कल्पना चावला की तरह अंतरिक्ष तक उड़ान भरने का है।

दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में यशिका खत्री ने कहा कि एक नागरिक के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होती है, जब उसकी वजह से उसके देश का झंडा बुलंद होता है। यूएसए के एक विमान पर जब उनका नाम अंकित हुआ और साथ में तिरंगा लहराया गया तो यह उनके लिए सबसे गौरवान्वित करने वाला पल था। यशिका ने एम्ब्री रिडल एयरोनाटिकल विश्वविद्यालय से स्नातक की है। अब वे यूनिवर्सिटी आफ कोलोराडो से एरोस्पेस में पीएचडी कर रही हैं। उन्होंने बताया कि यह एरोस्पेस इंजीनियरिंग का अवार्ड है, जिसे मिलिया एयर हार्ट स्कालरशिप कहते हैं।

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