छात्राओं ने बिलासपुर बस अड्डे के गेट पर जड़ा ताला, एक घंटे तक मचा हंगामा, जानिए वजह

यमुनानगर में छात्राओं ने बिलासपुर बस अड्डे के गेट पर ताला जड़ दिया। करीब एक घंटे तक हंगामा होता रहा। अधिकारियों ने भी उन्‍हें समझाने की कोशिश की लेकिन छात्राएं नहीं मानीं। बाद में पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचीं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 11:57 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 11:57 AM (IST)
छात्राओं ने बिलासपुर बस अड्डे के गेट पर जड़ा ताला, एक घंटे तक मचा हंगामा, जानिए वजह
यमुनानगर में बस अड्डे पर ताला जड़ दिया।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। बस अड्डा बिलासपुर के गेट पर कालेज में पढ़ने वाली छात्राओं ने आज सुबह ताला जड़ दिया। करीब एक घंटा तक बस स्टैंड पर ताला लगा रहा। छात्राओं ने रोडवेज महाप्रबंधक के खिलाफ नारेबाजी की। छात्राओं ने कहा कि बस स्टैंड से कालेज तक बस न चलने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई बार अधिकारियों से बस चलाने की मांग कर चुके हैं परंतु कोई उनकी नहीं सुनता। इसलिए आज मजबूर होकर उन्हें बस स्टैंड पर ताला लगाना पड़ा। बाद में थाना बिलासपुर से सब इंस्पेक्टर राकेश राणा मौके पर पहुंचे और छात्राओं से बात की। जिन्होंने रोडवेज अधिकारियों से बात की और छात्राओं के लिए बस मंगवाई। बस में बिठाकर छात्राओं को कालेज भेजा गया। इसके साथ ही छात्राओं ने लिखित में नियमित रूप से बसें चलाने की मांग की।

छात्रा निकिता, हरजिंद्र कौर, तनवी, तन्नु, प्रियंका, निशांत, अंजलि ने बताया कि वह राजकीय कालेज छछरौली में पढ़ती हैं। बिलासपुर के अलावा साढौरा व आसपास के गांवों से भी काफी संख्या में छात्राएं पढ़ने के लिए आती हैं। परंतु उन्हें बिलासपुर बस स्टैंड से छछरौली के लिए बस नहीं मिलती। लाकडाउन से पहले दो बसें कालेज के लिए चलती थी। लाकडाउन के दौरान बसों को बंद कर दिया गया। बाद में एक बस चलाई लेकिन उसे भी बंद कर दिया गया। जिस कारण अब वह कालेज नहीं जा पा रही। इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। पहले भी उन्होंने बस स्टैंड प्रबंधक को लिखित में बस चलाने की मांग की थी लेकिन किसी ने उनकी बात को नहीं सुना। इसलिए उन्हें मजबूरी में आज ताला लगाना पड़ा।

सुबह व शाम बसें चलाने की मांग

छात्राओं ने बताया कि उनके लिए बिलासपुर से छछरौली तक सुबह आठ बजे व नौ बजे बसों को चलाया जाए। इसी तरह छछरौली से दोपहर को ढाई बजे, साढ़े तीन बजे व चार बजे सब चलाई जाए। ताकि वह आराम से आना जाना कर सके। क्योंकि वह रोजाना आटो में किराया खर्च कर नहीं जा सकी। जो छात्राएं साढौरा से आती हैं उनका एक दिन का किराया 100 रुपये बनता है। जबकि वह सरकारी कालेज में पढ़ती हैं। बस स्टैंड प्रबंधक ने नियमित रूप से बस चलाने का आश्वासन दिया।

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