हरियाणा का यह गांव बना कबड्डी का हब, यहां से निकले 20 से अधिक नेशनल खिलाड़ी

गांव के राकेश संगरौया का प्रो कबड्डी और अंकित दलाल का अंडर-17 में खेलो इंडिया में पिछले साल ही चयन हुआ था। खिलाड़ी कुलविंद्र दलाल सोनू सिंह और प्रदीप दलाल भी इस साल आयोजित होने वाली प्रो कबड्डी के लिए चयनित हुए थे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 02:23 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 02:23 PM (IST)
हरियाणा का यह गांव बना कबड्डी का हब, यहां से निकले 20 से अधिक नेशनल खिलाड़ी
स्टेडियम में रोजाना 100 से अधिक खिलाड़ी खूब पसीना बहाते हैं।

पानीपत/कैथल, जेएनएन : यदि तमाम सुविधाएं मिल जाएं तो किसी भी कार्य को करना मुश्किल नहीं रहता है। परंतु यदि सुविधाओं के लिए सरकार से लड़कर अपना हक लेना पड़े तो इससे बिल्कुल भी गुरेज नहीं करना चाहिए। ऐसा ही एक उदाहरण कैथल के गांव ग्योंग का है। यहां युवाओं ने अपने खेल को निखारने के लिए सरकार से भी लड़ाई ली। जब सरकार मानी तो इसके सुखद परिणाम सामने आने लगे हैं। 

अब यह गांव कबड्डी का हब बना है। यहां पर 20 से अधिक खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। इसके अलावा चार खिलाड़ी प्रो कबड्डी में अपना स्थान बना चुके हैं। इस गांव के खिलाड़ियों ने वर्ष 2014 में सरकार से लड़ाई लड़ने के बाद स्टेडियम बनवाया था। जिसमें अब रोजाना 100 से अधिक खिलाड़ी खूब पसीना बहाते हैं। गांव के राकेश संगरौया का प्रो कबड्डी और अंकित दलाल का अंडर-17 में खेलो इंडिया में पिछले साल ही चयन हुआ था और इन दोनों ही खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल हासिल किया है। खिलाड़ी कुलविंद्र दलाल, सोनू सिंह और प्रदीप दलाल भी इस साल आयोजित होने वाली प्रो कबड्डी के लिए चयनित हुए थे। इस बार कोरोना के कारण खेलों का आयोजन नहीं हुआ है। इसके अलावा 20 से अधिक खिलाड़ी और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं।

सरकार से लड़ी लड़ाई, फिर मिली मंजूरी

कोच मनोज ग्योंग ने बताया कि गांव के युवाओं में वर्ष 2006 के बाद से ही कबड्डी का जुनून है। उस समय गांव में बिल्कुल भी सुविधा नहीं थी। इक्का-दुक्का युवा ही कबड्डी खेल की ओर रुख करते थे। वर्ष 2013 के बाद ही कबड्डी को लेकर युवाओं में काफी रुझान बढ़ा। इसके बाद तो हर युवा में कबड्डी का जोश होने लगा। 2015 तक सैंकड़ों युवाओं ने कबड्डी खेल को अपने जीवन में ला दिया।

मनोज ने बताया कि वर्ष 2014 में सरकार बदलने से पहले खेल मंत्री से गांव में स्टेडियम बनाने की मांग की थी। लेकिन खेल मंत्री ने इसे ठुकरा दिया। खेल मंत्री ने हवाला दिया कि वह छोटे गांव में अधिक बजट देने में असमर्थ हैं। इसके बाद पूर्व लोक निर्माण मंत्री रणदीप सुरजेवाला ने 15 लाख रुपये चहारदीवरी के मंजूर करवाए। अब भाजपा सरकार ने वर्ष 2018 में यहां व्यायामशाला बनाने की घोषणा की। अब गांव में स्टेडियम की जगह पर व्यायामशाला बनाई गई है। यहां पर रोजाना सैकड़ों खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। जिनके धीरे-धीरे नतीजे आने भी शुरू हो गए हैं।

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