महालक्ष्मी और गजकेसरी योग में गंगा दशहरा आज, कल होगा निर्जला एकादशी व्रत
ज्येष्ठ महीने के शुक्लपक्ष के दसवें दिन यानी दशमी तिथि को धरती पर गंगा प्रकट हुई थी। इसलिए इस दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। गंगा दशहरे के दिन गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। एक बाल्टी पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
कुरुक्षेत्र, जेएनएन। महालक्ष्मी और गजकेसरी योग में गंगा दशहरा आज होगा। आज के दिन गंगा या यमुना सहित तीर्थ स्थल पर स्नान करना उत्तम माना जाता है। सोमवार 21 जून को निर्जला एकादशी है। इस दिन मीठा पानी पिलाने के साथ दान का विशेष महत्व है।
गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र कुरुक्षेत्र के संचालक डा. रामराज कौशिक ने बताया कि पुराणों के मुताबिक ज्येष्ठ महीने के शुक्लपक्ष के दसवें दिन यानी दशमी तिथि को धरती पर गंगा प्रकट हुई थी। इसलिए इस दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस पर्व पर ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति बनेगी। सूर्य और चंद्रमा मंगल की नक्षत्र में रहेंगे। चंद्रमा पर मंगल और गुरु की दृष्टि पड़ने से महलक्ष्मी और गजकेसरी राजयोग का फल भी मिलेगा। इसलिए ये पर्व खास रहेगा। गंगा दशहरे के दिन गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। यदि कोई गंगा पर जाने में असमर्थ है तो इस दिन सुबह एक बाल्टी पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दिन गायत्री जयंती भी होगी।
इस दिन यह होगा
दशमी तिथि : 19 जून को शाम 6:50 बजे शुरू होगी और यह 20 जून को शाम 4:25 मिनट तक रहेगी। 21 जून को निर्जला एकादशी एकादशी व्रत में बिना कुछ खाए और वीये व्रत किया जाता है। मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति को चांदी या सोने की नाव में बैठाकर नौका विहार कराया जाता है। जल से भरे मटके, पंखा, आम, खरबूजा, तरबूज या किसी भी मौसमी फल का दान करना श्रेष्ठ होता है।
सूर्य 22 करेंगे नक्षत्र परिवर्तन
सोमवार 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर आएगा। यह साल का सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होगी। इस दिन निर्जला एकादशी भी होगी। 22 जून को सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करते ही वर्षा ऋतु शुरू होगी। सूर्य इस नक्षत्र में 15 दिन तक रहते हैं। ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य इस नक्षत्र में होता है तब धरती कई जगहों पर ज्यादा बरसात होती है।
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