दिल्‍ली और झांसी के ज्‍वैलर्स से तैयार करवाते सोने के नकली सिक्‍के, फिर कई राज्‍यों में शुरू करते ठगी का खेल

दिल्ली व झांसी के स्वर्णकारों से मिलकर बनवाते थे नकली सोने के सिक्के यूपी पंजाब राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के लोगों को बनाया ठगी का शिकार। करनाल के डिटेक्टिव स्टाफ ने अंतर्राज्यीय ठग गिरोह के चार सदस्यों को किया गिरफ्तार 50 से अधिक वारदातों को दे चुके अंजाम।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 05:47 PM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 05:47 PM (IST)
दिल्‍ली और झांसी के ज्‍वैलर्स से तैयार करवाते सोने के नकली सिक्‍के, फिर कई राज्‍यों में शुरू करते ठगी का खेल
नकली सोने के सिक्‍के बनवाकर ठगी का खेल।

करनाल, जेएनएन। नकली सोने के सिक्कों को असली बता उन्हें सस्ते दाम पर बेचने की आड़ में ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का डिटेक्टिव स्टाफ ने भंडाफोड़ किया है। गिरोह के चार सदस्यों को काबू किया गया है, जो दिल्ली व झांसी के स्वर्णकारों से मिलकर नकली सोने के सिक्के बनवाते थे। अब तक ये दिल्ली, राजस्थान, यूपी, पंजाब सहित अन्य राज्यों में 50 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं और पिछले करीब 15 साल से लोगों को अपना निशाना बना रहे थे। आरोपित करनाल में भी वारदात को अंजाम दे चुके हैं।

डिटेक्टिव स्टाफ इंचार्ज हरजिंद्र सिंह के नेतृत्व में एएसआई गुरमी सिंह की टीम ने सोमवार को दो आरोपितों को नई अनाज मंडी के पास से काबू किया। इनकी पहचान मनोज कुमार व अर्जुन वासी बेगमपुर सेक्टर-22 रोहिणी, दिल्ली के तौर पर हुई। पूछताछ में आरोपितों ने अपने दो साथियों शिवा वासी रविनगर, विष्णु गार्डन दिल्ली व भीमा वासी सेक्टर 23 रोहिणी, दिल्ली के नाम का रहस्योद्वाटन किया और इन्हें भी पानीपत से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपितों के कब्जे से नकली सोने के 95 सिक्के, नकली चांदी के चार सिक्के, 12 मोबाइल, अलग- अलग कंपनियों के 20 सिम कार्ड व 50 हजार की नकदी बरामद की है।

पहले करते घी लेने का सौदा फिर करते थे ठगी

प्रारंभिक पूछताछ में आरोपितों ने माना कि वे पहले किसी बुर्जुग या गांव के व्यक्ति से घी लेने का सौदा करते थे और फिर उसे दो असली सोने के सिक्के देते। भरोसा बनाने के लिए वे सिक्के जांच कराने के लिए भी राय देते थे। ये सिक्के असली पाए जाने पर वे संबंधित व्यक्ति को बातों में उलझाकर बताते थे कि उनके पास खुदाई कार्य में मिले बड़ी मात्रा में अन्य सिक्के भी है, जिन्हें वे उन्हें सस्ते भाव में दे सकते हैं। लोग उनकी बातों में आ जाते और वे बाद में सभी नकली सिक्के थमाकर नकदी लेकर फरार हो जाते। लोग सस्ते दाम में सोने के सिक्के लेने के लालच में आसानी से आ जाते थे। बाद में जब खरीददार इन सिक्कों की जांच कराता तो ये नकली होने का पता चलता, लेकिन तब तक वे किसी दूसरे प्रदेश में भाग जाते थे। इसी तरह वे पिछले 15 साल के दौरान विभिन्न राज्यों में 50 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।

ठरवा माजरा के हरदीप से की पांच लाख की ठगी

आरोपितों ने ठरवा माजरा वासी हरदीप के साथ पांच लाख रुपये की ठगी की थी। 23 फरवरी को हरदीप ने पुलिस में मामला दर्ज कराया, जिसमें बताया कि दो लोग उसके पास देसी घी खरीद करने के लिए पहुंचे। उन्होंने उससे पांच किलोग्राम घी का सौदा किया और पहले असली सोने के दो सिक्के दिए, जिसके बाद उसे बातों में फंसाकर तीन से चार किलोग्राम नकली सोने के सिक्के पांच लाख रुपये में थमा दिए। पुलिस इस मामले की जांच करते हुए आरोपितों की तलाश में थी। अब काबू किए गए मुख्य आरोपी मनोज व अर्जुन ने इस वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया। उन्होंने यह भी बताया कि वे ठगी की ऐसी ही दो और वारदात यहां कर चुके हैं।

आरोपितों के परिवार के सदस्य भी देते थे साथ : हरजिंद्र

डिटेक्टिव स्टाफ इंजार्च हरजिंद्र सिंह के मुताबिक आरोपितों ने माना कि वे करीब 15 वर्षों के दौरान देश के अधिकतर राज्यों में ठगी की करीब 50 वारदातों को अंजाम दे चुके है। इनमें हरियाणा, गुजरात, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, राजस्थान, छत्तीगढ़, मध्यप्रदेश व अन्य राज्य शामिल है। उन्होंने माना कि वे इन नकली सोने व चांदी के सिक्को को दिल्ली व झांसी के स्वर्णकारों के साथ सांठ-गांठ करके बनवाते थे। और इन वारदातों को अंजाम देने में इनके परिवार के काफी सदस्य भी शामिल हैं। आरोपितों को अदालत में पेश कर सात दिन के रिमांड पर लिया गया है, जिस दौरान इनसे गहनता से पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों को भी काबू किया जाएगा।

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