जींद में पकड़े दो नटवरलाल, हरियाणा के 42 हजार लोगों को लगाया 16 करोड़ का चूना, ऐसे करते थे ठगी
जींद में दो शातिर ठग गिरफ्तार। पंजाब की नेटवर्किंग मार्केटिंग ओएलएस विज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई। लोगों को डेढ़ गुना मुनाफे और विदेश टूर का लालच दिया। हरियाणा में 42 हजार लोगों ने निवेश किया। इसके बाद 16 करोड़ लेकर फरार हो गए।
जागरण संवाददाता, जींद। कंपनी में निवेश करने पर अच्छे मुनाफे का झांसा दे उपभोक्ताओं को करोड़ों रुपये की चपत लगाने वाले पंजाब की नेटवर्किंग मार्केटिंग ओएलएस विज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के दो एमडी को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों को अदालत में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है। आरोपितों ने हरियाणा के 42 हजार लोगों को 16 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
जींद के सेक्टर-11 और हाल आबाद सेक्टर चार रोहतक निवासी सज्जन मलिक ने 31 अगस्त 2020 को पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वर्ष 2014 में नेटवर्किंग मार्केटिंग कंपनी ओएलएस विज प्राइवेट लिमटेड कंपनी अस्तित्व में आई थी। इसका मुख्यालय जालंधर में था। कंपनी में शिव विहार जालंधर निवासी सरदार रणजीत सिंह, हरदीप नगर जालंधर निवासी सरदार गगनदीप सिंह एमडी थे, जबकि ब्लॉक सी हाइट टू जालंधर निवासी सरदार गुरविंद्र सिंह कंपनी के सीईओ थे। कंपनी के प्लान के मुताबिक, 11 महीने तक दो हजार रुपये जमा करवाने पर कंपनी उपभोक्ता को दो हजार रुपये और मिला कर देती थी या फिर सोने का सिक्का दिया जाता था। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सामान व अन्य प्रोडेक्ट कंपनी द्वारा बेचे जाते थे। टारगेट पूरा करने पर विदेश भ्रमण भी कंपनी द्वारा करवाया जाता था।
2017 में कंपनी ने जींद में बनाया कार्यालय
वर्ष 2017 में कंपनी ने जींद के हुडा ग्राउंड मार्केट में कार्यालय बनाया। इसमें उसने भी निवेश किया। कंपनी से 42 हजार लोग प्रदेशभर से जुड़े, जिन्होंने लगभग 16 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसमें साढ़े सात लाख रुपये शिकायतकर्ता सज्जन के भी थे। कंपनी ने 90 लाख रुपये ताशकंद भ्रमण के नाम पर तथा यूएसए वीजा लगवाने के नाम पर 15 लोगों से 75 लाख रुपये लिए। इसके बावजूद लोगों को विदेश भ्रमण पर नहीं ले जाया गया। बाद में निवेश राशि वापसी में भी देरी करने लगे।
सॉफ्टवेयर में दिक्कत होने की कही बात
दिसंबर 2019 तक कंपनी का सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया। इसके बारे में उन्होंने जालंधर जाकर कंपनी के तीनों कर्ता-धर्ताओं से बातचीत की तो उन्होंने सॉफ्टवेयर में दिक्कत होने की बात कहते हुए समस्या से अवगत करवाया और जल्द ही सिस्टम के ठीक होने की बात कही। इसके बावजूद कंपनी ने राशि तथा प्रोडेक्ट देना बिल्कुल बंद कर दिया और तीनों भूमिगत हो गए। इससे उस समेत अन्य निवेशकों के करोड़ों रुपये कंपनी में फंस गए।
पुलिस ने पांच दिन का रिमांड लिया
सिविल लाइन थाना पुलिस ने सज्जन की शिकायत पर कंपनी के एमडी रणजीत सिंह, गगनदीप सिंह तथा सीईओ गुरविंद्र सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत का मामला दर्ज किया था। आर्थिक अपराध शाखा ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के एमडी रणजीत सिंह तथा गगनदीप को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों को पांच दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। आर्थिक अपराध शाखा के जांच अधिकारी विजय ने बताया कि दोनों कंपनी के एमडी हैं और उन पर आरोप हैं कि उन्होंने निवेश के नाम पर उपभोक्ताओं के साथ करोड़ो रुपए की धोखाधड़ी की है।
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