भू माफियाओं का कारनामा, यमुनानगर में जिस प्लाट पर कोर्ट का स्टे, उसे ही बेच डाला

यमुनानगर में भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं। तीन लोगों ने एक ऐसे प्‍लाट को बेच दिया जिसको लेकर कोर्ट का स्‍टे है। बावजूद दो भाइयों को ये प्‍लाट सात लाख 40 हजार रुपये में बेचा गया। जब दोनों कब्‍जा लेने पहुंचे तो हकीकत पता चली।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 04:47 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 04:47 PM (IST)
भू माफियाओं का कारनामा, यमुनानगर में जिस प्लाट पर कोर्ट का स्टे, उसे ही बेच डाला
कोर्ट के स्‍टे के बावजूद प्‍लाट को बेच दिया।

यमुनानगर, जेएनएन। प्लाट बेचने के नाम पर तीन लोगों ने आजादनगर निवासी दो भाईयों से सात लाख 40 हजार रुपये ‌हड़प लिए। प्लाट की रजिस्ट्री होने के बाद जब दोनों भाई प्लाट पर कब्जा लेने गए तो वहां पर किसी अन्य ने अपना मालिकाना हक जताया। जब इस बारे में पता किया, तो जानकारी मिली कि प्लाट पर कोर्ट ने स्टे लगाई है।

आजादनगर निवासी गौरव ने सेक्टर 17 थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सितंबर 2020 में उसकी मुलाकात प्रापर्टी डीलर धर्मेंद्र दत्ता से हुई थी। उसने तेजली में प्लाट दिखाया। आरोपित ने आश्वस्त किया था कि इस प्लाट पर कोई विवाद नहीं है। इसके बाद आरोपित धर्मेंद्र दत्ता ने प्रेमनगर निवासी अनिल सिंह से उन्हें मिलवाया। अनिल ने यह प्लाट अपनी मां का बताया था।

18 सितंबर 2020 को सात लाख 40 हजार रुपये में इस प्लाट का सौदा तय किया गया। इकरारनामा पर आरोपित अनिल व धर्मेंद्र दत्ता ने बतौर गवाह अपने हस्ताक्षर भी किए। इकरारनामा होने पर उन्होंने आरोपितों को एक लाख रुपये दिए। रजिस्ट्री कराने की तारीख 18 फरवरी 2021 तय की गई। इसके बाद उन्होंने 29 दिसंबर 2020 को इस प्लाट की रजिस्ट्री गायत्री देवी से अपनी मां संतोष के नाम करा ली थी।

इस रजिस्ट्री में भी आरोपित अनिल व धर्मेंद्र दत्ता ने बतौर गवाह अपने हस्ताक्षऱ किए थे और रजिस्ट्री के समय उसने तीन लाख 30 हजार रुपये का चेक व दो लाख 90 हजार रुपये नकद आरोपित अनिल सिंह व धर्मेद्र दत्ता व गायत्री को नकद दिए थे। इस तरह से प्लाट इकरारनामे में तय पूरी राशि सात लाख 40 हजार रुपये ‌दे दिए।

रजिस्ट्री होने के बाद जब वो और उसका भाई सौरभ ने प्लाट पर तामिरात करनी शुरू की तो वहां पर तेजली निवासी रविंद्र कुमार आया और प्लाट पर अपना हक जताया। बाद में पता चला कि इस प्लाट पर कोर्ट ने स्टे आर्डर जारी किया हुआ है। जब आरोपितों से पैसे वापस मांगे, तो उन्होंने इन्कार कर दिया। परेशान होकर पुलिस को शिकायत दी गई। पुलिस ने केस दर्ज किया।

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