पेंशन के दस्‍तावेजों में हेराफेरी, बिजली निगम के सीनियर अकाउंटेंट आफिसर व एक्सईएन पर केस

यमुनानगर में बिजली निगम के सीनियर अकाउंटेंट आफिसर व एक्सईएन पर केस दर्ज कर लिया गया। सेवानिवृत्त वित्तीय सलाहाकार के पेंशन के दस्तावेजों में हेराफेरी का आरोप लगा है। सेक्टर 17 थाना में पंचकूला हेड आफिस में केस दर्ज किया गया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 05:12 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 05:12 PM (IST)
पेंशन के दस्‍तावेजों में हेराफेरी, बिजली निगम के सीनियर अकाउंटेंट आफिसर व एक्सईएन पर केस
पेंशन दस्‍तावेजों में हेराफेरी करने पर केस।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) से सेवानिवृत्त 73 वर्षीय सत्यप्रकाश के साथ निगम के ही अफसरों ने पेंशन के नाम पर धोखा कर दिया। उनके पेंशन के दस्तावेजों में हेराफेरी कर नया आदेश जारी कर दिया। इस आदेश की कोई अनुमति तक नहीं ली गई। इस वजह से अब उन्हें पेंशन के प्रति माह चार हजार रुपये कम मिल रहे हैं। उनके दस्तावेजों में भी कटिंग कर ऊपर चिट लगाई गई। सत्यप्रकाश ने इस संबंध में कोर्ट में याचिका दाखिल की। अब कोर्ट के आदेश पर सेक्टर 17 थाना में पंचकूला हेड आफिस में तैनात सीनियर अकाउंटेंट आफिसर तारा चंद व एक्सईएन यमुनानगर कुलवंत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। वहीं एक्सईएन कुलवंत सिंह का कहना है कि वह शिकायतकर्ता को जानते तक नहीं है। न ही इस तरह का मामला उनके संज्ञान में है।

सेक्टर 18 निवासी सत्यप्रकाश बिजली निगम में वित्तीय सलाहाकार के पद पर तैनात थे। वर्ष 2007 में वह सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद उन्हें पेंशन मिल रही थी। इस बीच वर्ष 2016 में सरकार ने सातवां वेतन आयोग लागू कर दिया। जिसमें कर्मचारियों का वेतन व पेंशन में भी बढ़ोतरी हुई। इसे शुरू होने में कई साल का वक्त लग गया। सत्यप्रकाश की भी पेंशन में बढ़ोतरी हुई। यहां पर 12 जनवरी 2021 को उन्हें सातवां वेतन आयोग के हिसाब से पेंशन मिलने की स्वीकृति मिल गई। इस दौरान सत्यप्रकाश को पता लगा कि उनकी पेंशन के प्रति माह लगभग चार हजार रुपये कम आ रहे हैं। इस बारे में उन्होंने निगम में अफसरों से जाकर बात की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। बाद में उन्होंने दस्तावेज जुटाए, तो पता लगा कि उनके दस्तावेजों में हेरफेर किया गया है।

इस तरह से की गई धोखाधड़ी

सत्यप्रकाश ने बताया कि सीनियर अकाउंटेंट आफिसर तारा चंद ने उनकी पेंशन के दस्तावेज निकालने के नाम पर पैसे मांगे थे। जिस पर उन्हें पैसे देने से मना कर दिया था। इस वजह से ही आरोपित तारा चंद ने उनकी फाइलों से कुछ दस्तावेज निकाल दिए। जबकि कुछ दस्तावेजों पर कटिंग कर चिट लगा दी। पेंशन की राशि की संख्या बदलकर नया आर्डर जारी कर दिया। नियमानुसार यदि किसी कर्मचारी की पेंशन स्वीकृत हो जाती है, तो उसे कम नहीं किया जा सकता। जो आर्डर तारा चंद ने जारी किया था। वह उसके अधिकार क्षेत्र में भी नहीं आता। इस आर्डर पर किसी भी अधिकारी से सेंक्शन तक नहीं ली गई थी। यदि स्वीकृति के बाद किसी की पेंशन की राशि कम या अधिक करनी है, तो इसके लिए दो माह नोटिस देना होगा। फिर हेडआफिस से अनुमति लेनी होगी। वह भी केवल उस स्थिति में ली जाएगी। जब किसी कलेरिकल गलती की वजह से राशि की संख्या में गड़बड़ हुई हो।

एक्सईएन पर रिकार्ड दाखिल नहीं करने का आरोप

सत्यप्रकाश ने शिकायत में आरोप लगाया कि उस समय एक्सईएन जगाधरी(अब यमुनानगर) कुलवंत सिंह व आरोपित ताराचंद दोनों सहपाठी है। हेड आफिस से स्वीकृति के बाद पेंशन का आर्डर रिकार्ड में रखना होता है, लेकिन एक्सईएन ने ताराचंद के कहने पर यह रिकार्ड नहीं चढ़ाया। दस्तावेजों में हेरफेर कर नए आर्डर को रिकार्ड में चढ़ा दिया। डाक से यह आदेश आने में कई दिन का समय लगता है, लेकिन एक्सईएन ने वाट्सएप पर आर्डर मंगवाया और इसे रिकार्ड में चढ़ा दिया। इसलिए एक्सईएन की मिलीभगत से ही फर्जीवाड़ा किया गया है।

हाईकोर्ट में भी लगाई याचिका

सेवानिवृत्ति के बाद सत्यप्रकाश बतौर अधिक्ता प्रेक्टिस कर रहे हैं। अब उन्होंने अपने साथ हुए इस धोखाधड़ी के मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। वहां पर उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। हाईकोर्ट से भी इस संबंध में नोटिस जारी किए गए हैं।

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