पोस्‍ट कोविड जल्‍द हो सकते हैं रिकवर, इस तरह बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी मरीजों की रिकवरी में समय लग रहा है। ऐसे में आयुष विभाग की ये सलाह काफी काम की है। स्वस्थ रहने के लिए पोस्ट कोविड भी योग-व्यायाम रखें जारी। इससे बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 08:47 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 08:47 AM (IST)
पोस्‍ट कोविड जल्‍द हो सकते हैं रिकवर, इस तरह बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
योग करने से पोस्‍ट कोविड को काफी लाभ मिलता है।

पानीपत, जेएनएन। योग का लोहा तो अब पूरा विश्व मान चुका है। हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। विकसित देशों, यहां तक कि मुस्लिम देशों में भी योग कक्षाएं लगती हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा योग को मान्यता देना इसका सबूत है। कोरोना संक्रमण हो या दूसरी बीमारी, योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। पोस्ट कोविड योग-ध्यान जारी रखें।

आयुष विभाग की योग विशेषज्ञा नीलिमा ने बताया कि कोरोना पाजिटिव रहे अधिकांश लोगों ने आइसोलेशन में रहते हुए योग क्रियाएं की। एलोपैथिक के चिकित्सक भी मरीजों को 24 घंटे में कम से कम पांच घंटे पेट के बल लेटने की सलाह देते रहे। बहुत से ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने रिकवर होते ही योग, भाप लेना एकदम से छोड़ दिया। पोस्ट कोविड दिक्कतों से बचने के लिए योग और व्यायाम बहुत जरूरी है। योग क्रियाएं नियमित और समयबद्ध करने से शरीर में शुद्ध वायु का प्रवेश होता है। रक्त शुद्ध, फेफड़े मजबूत होते हैं। खानपान सही, फेफड़े मजबूत और इम्युनिटी अच्छी है तो किसी भी प्रकार के संक्रमण का असर कम होता है। योग क्रियाएं बहुत सी हैं।

सूर्य नमस्कार सभी क्रियाओं का निचोड़ है। रोजाना तीन-चार बार भी इसे कर लिया जाए तो शरीर सहित मन-मस्तिष्क को मजबूती मिलती है। योग विशेषज्ञा ने बताया कि भुजंगासन, हलासन, मत्स्यासन, सिंहासन, धनरासन के अभ्यास से भी शरीर मजबूत बनता है।

पेट के बल लेटने के लाभ

पेट के बल लेटने को प्रोन पोजिशनिंग कहते हैं। कोरोना महामारी में देखा गया कि गंभीर मरीजों को पेट के बल लिटाया जाता है तो उनके आक्सीजन लेवल में तेजी से सुधार आया।

योग क्रियाएं और लाभ

भस्त्रिका प्राणायाम : फेफड़े साफ और मजबूत होते हैं।

भ्रांबरी : मन शांत और तनाव मुक्त रहता है।

कपालभाति : श्वसन तंत्र सक्रिय होता है।

अनुलाेम-विलोम : सर्दी जुकाम में आराम मिलता है।

उज्जयी : शारीरिक और मानसिक मजबूती के लिए।

आयुष की मेडिसिन से लाभ

आयुर्वेदिक मेडिकल आफिसर डा. संजयने बताया कि बीमारी से लड़ने के लिए तन-मन स्वस्थ होना चाहिए।कोविड-19 संक्रमण के प्रति बतौर इम्युनिटी बूस्टर आयुष विभाग की ओर से गुडुची घन वटी, संशमनी वटी, अणु तेल और काढ़ा के पाउच कोरोना मरीजों, उनके स्वजनों तक पहुंचाए गए।

chat bot
आपका साथी