गरीबों के प्‍लॉट में बनवाया शोरूम, तीन आइएएस समेत पांच अफसर दोषी करार Panipat News

हैदराबादी श्मशान समिति के सेक्टर-11 में जमीन पर कब्जा मामले ने तूल पकड़ लिया है। समीर पाल सरो ने पानीपत में डीसी रहते गरीबों के प्लाटों पर 22 शोरूम बनाने के मामले में कार्रवाई की।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 09:58 AM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 04:57 PM (IST)
गरीबों के प्‍लॉट में बनवाया शोरूम, तीन आइएएस समेत पांच अफसर दोषी करार Panipat News
गरीबों के प्‍लॉट में बनवाया शोरूम, तीन आइएएस समेत पांच अफसर दोषी करार Panipat News

पानीपत, जेएनएन। लोकायुक्त ने साढ़े चार साल पुराने हैदराबादी श्मशान समिति के सेक्टर-11 में गरीबों के प्लॉटों पर 22 शोरूम बनाने के मामले में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के पूर्व निदेशक समीर पाल सरो और तीन आइएएस समेत पांच अधिकारियों को दोषी माना है। समीर पाल सरो उस वक्त पानीपत में डीसी थे। लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने सरकार को पानीपत के तत्कालीन डीसी समीर पाल सरो, एचएसवीपी के तत्कालीन मुख्य प्रशासक, रोहतक प्रशासक, पानीपत के एस्टेट ऑफिसर विकास ढांडा व दीपक घनघस के विरुद्ध विभागीय व दंडात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की है। सरकार को कार्रवाई की रिपोर्ट तीन महीने में लोकायुक्त को देनी होगी। 

बता दें कि आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने लोकायुक्त को 4 जुलाई 2016 को शिकायत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सेक्टर-11 में गरीबों के लिए आरक्षित 15 आवासीय प्लाटों पर हैदराबादी श्मशान भूमि समिति ने कब्जा कर 22 शोरूम बना दिए है। उन्होंने समिति को पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी का संरक्षण प्राप्त होने के भी आरोप लगाए थे। कपूर ने आरोप लगाया कि एचएसवीपी के एस्टेट ऑफिसर तक कार्रवाई नहीं कर रहे। 

सरो ने पुलिस फोर्स नहीं उपलब्ध कराई थी

कपूर ने बताया कि एस्टेट ऑफिसर ने 3 फरवरी 2016 और 22 जुलाई 2016 को तत्कालीन डीसी समीर पाल सरो से इन अवैध कब्जों को गिराने के लिए पुलिस फोर्स देने के लिए पत्र लिखे थे। समीरपाल सरो ने पुलिस फोर्स उपलब्ध नहीं कराई। 

लोकायुक्त ने उच्चाधिकारियों के इस रवैये पर की कड़ी टिप्पणी 

लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने 20 नवंबर को सरकार को भेजी अपनी जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए अधिकारियों पर सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने रिपोर्ट में कहा कि ये हैरानी की बात है कि एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक ने इन कब्जों को गिराने व प्रशासक सहित बाकी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन रोहतक प्रशासक की अध्यक्षता में चीफ टाउन प्लानर व सुपरिटेंडेंट (अर्बन ब्रांच) एचएसवीपी पंचकूला की एक कमेटी गठित कर दी। इस कमेटी ने 5 जुलाई 2018 की रिपोर्ट में रोहतक प्रशासक को दो दिन में हैदराबादी श्मशान भूमि ट्रस्ट को यह भूमि अलॉट करने बारे प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। लोकायुक्त रजिस्ट्रार एमएस सुल्लर ने अपनी 9 जनवरी 2019 की जांच रिपोर्ट में एचएसवीपी के उक्त सभी अधिकारियों की कब्जाधारियों के साथ मिलीभगत होना पाया था। पीपी कपूर ने बताया कि समीरपाल सरो के विरुद्ध लोकायुक्त का तीसरा फैसला है।

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