बारिश से लबालब हुए खेत, धान को फायदा, सब्जियों को नुकसान

पिछले दो दिन से हो रही झमाझम बारिश किसानों के लिए राहत बरसा रही है। खेत पानी से लबालब हो गए हैं। बारिश से धान की सिचाई को लेकर पैदा हुई समस्या खत्म हुई किसानों के चेहरे भी खिल उठे। बुधवार सुबह खेतों का नजारा देखते ही बन रहा था। वहीं कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि रिमझिम बारिश से धान की फसल को फायदा मिलने के साथ भू जल स्तर सुधार में भी सहायक सिद्ध होगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:40 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:40 AM (IST)
बारिश से लबालब हुए खेत, धान को फायदा, सब्जियों को नुकसान
बारिश से लबालब हुए खेत, धान को फायदा, सब्जियों को नुकसान

जागरण संवाददाता, पानीपत : पिछले दो दिन से हो रही झमाझम बारिश किसानों के लिए राहत बरसा रही है। खेत पानी से लबालब हो गए हैं। बारिश से धान की सिचाई को लेकर पैदा हुई समस्या खत्म हुई किसानों के चेहरे भी खिल उठे। बुधवार सुबह खेतों का नजारा देखते ही बन रहा था। वहीं कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि रिमझिम बारिश से धान की फसल को फायदा मिलने के साथ भू जल स्तर सुधार में भी सहायक सिद्ध होगी। फसल में होगा फुटाव

खंड कृषि विकास अधिकारी डा. राकेश सिंह का कहना है कि बारिश के पानी में नाइट्रोजन की मात्रा बहुत होती है। पर्याप्त पानी मिलने से धान की फसलों में फुटाव काफी अच्छा होगा। जिन्होंने खेत में फसल की रोपाई नहीं की है, वो खेत को तैयार कर रोपाई करा सकेंगे। जिले में करीब 75 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई होनी है। जोकि लगभग रकबा में हो चुकी है। जलभराव से सब्जियों को नुकसान

एडीओ डा. राकेश ने बताया कि बारिश अच्छी हो रही है। इससे धान को फायदा भले हो, लेकिन जलभराव वाली जगहों पर सब्जियों को काफी नुकसान होगा। जिससे सब्जियों के भाव में बढ़ोतरी होना संभव है। वहीं जलभराव वाली जगहों पर मक्का व बाजरा की फसल को भी नुकसान हो सकता है। ऐसे में किसान जलभराव को कम कर सब्जी, मक्का व बाजरा की फसलों में नुकसान होने से बचा सकते हैं। हाल में घीया, भिडी, टमाटर, गोभी आदि सब्जियों का सीजन है। सिचाई को लेकर नहीं होगी परेशानी

किसान प्रदीप कुमार, संजय, राजेंद्र, कर्मबीर का कहना है कि बारिश उनके लिए राहत लेकर आई है। धान की रोपाई का काम खत्म हो चुका है, लेकिन बिन बारिश सिचाई को लेकर परेशानी हो रही थी। बिजली के अघोषित कटों के चलते बहुत कम सिचाई हो पा रही थी। बारिश से खेतों में पानी भर आया है। अब सिचाई को लेकर चिता नहीं रहेगी। मौसम ठंडा होने पर धान की फसल में हरियाली भी जल्द आएगी।

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