Festive Season: विभाग की सुस्ती करेगी लोगों की सेहत खराब, मिठाई खाना पड़ सकता है महंगा
खाद्य पदार्थाें के सैंपलों की रिपोर्ट देरी से आने का फायदा दुकानदार उठाते हैं। नियमानुसार सैंपल लेने के बाद मिठाई की दुकान या फैक्ट्री को सील नहीं किया जा सकता है। ऐसे में दुकानदार बेरोकटोक कार्य करते रहते हैं।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। दीपावली के दो दिन शेष हैं, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम सुस्त है। पिछले माह महज दो दिन ही अभियान चला। इसके बाद आगे कोई छापेमारी नहीं की गई। ऐसे में मिलावटखोरों के सक्रिय होने की आशंका है। जिसका नुकसान लोगों को झेलना पड़ेगा। दुकानों पर मिठाई बनाने में लापरवाही बरती जा रही है। कई जगहों पर काफी गंदगी होती है। विभाग यदि कही से सैंपल भी लेता है, तो उसकी रिपोर्ट में 15 से 20 दिन लग जाते हैं। तब तक पूरा सीजन खत्म हो जाता है। गत वर्ष लिए गए 60 सैंपलों में सात सैंपल फेल आए थे।
दुकानदार उठा रहे फायदा
दरअसल, खाद्य पदार्थाें के सैंपलों की रिपोर्ट देरी से आने का फायदा दुकानदार उठाते हैं। नियमानुसार सैंपल लेने के बाद मिठाई की दुकान या फैक्ट्री को सील नहीं किया जा सकता है। ऐसे में दुकानदार बेरोकटोक कार्य करते रहते हैं। जब तक सैंपलों की रिपोर्ट आती है, तब तक लोग मिठाई खरीद चुके होते हैं। यदि सैंपलों की रिपोर्ट भी सब स्टैंडर्ड आती है, तो दुकानदार पर जुर्माना लगाया जाता है। उनकी फर्म को सील नहीं किया जाता। ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य से बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। त्योहारों के सीजन में ही सबसे अधिक मिठाईयों की बिक्री होती है। इसमें ही मिलावटखोर सक्रिय रहते हैं।
यह स्थिति पिछले सीजन की
गत वर्ष खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम के साथ-साथ सीएम फ्लाइंग ने भी छापेमारी की थी। 60 सैंपल अलग-अलग जगहों से लिए गए थे। इनमें से खोये के पांच सैंपल सब स्टैंडर्ड आए थे। यानि यह मानकों पर खरे नहीं थे। इसके अलावा खोये के दो सैंपल अनसेफ आए थे। इनमें फंगस मिली थी। यह खाने लायक नहीं था। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने इस खोये को पहले ही नष्ट करा दिया था। अब इस फर्म पर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया प्रोसेस में है। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें, तो सब स्टैंडर्ड मिलने पर जुर्माना लगाया जाता है। इसके लिए हेड आफिस से अनुमति ली जाती है। इसी तरह से सैंपलों की रिपोर्ट अनसेफ आने पर कानूनी कार्रवाई व जुर्माने का प्रावधान है। इसके लिए भी सरकार से अनुमति ली जाती है।
महीनों पहले शुरू हो जाती है मिठाई बनाने की तैयारी
मिठाई तैयार करने वाले दुकानदार महीना पहले ही दीपावली के पर्व को लेकर तैयारियों में लग जाते हैं। पर्व के नजदीक आते ही दुकानों पर सप्लाई शुरू हो जाती है। इस मिठाई में ही घटिया किस्म के खोया, पनीर व मावा का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में विभाग को चाहिए कि वह लगातार छापेमारी करें, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता। छोटी दुकानों से सैंपल लेकर रिकार्ड की खानापूर्ति कर दी जाती है।