पानीपत की दर्दनाक घटना, जिन बच्चों को गोद में घुमाता था, उन्हें नहर में फेंक दिया, फिर खाया जहर
तीनों बच्चों को नहर में फेंकने के बाद अनिल ने जहर खाकर दे दी थी जान। बड़े भाई मंजीत ने कहा बच्चों को बेहद प्यार करने वाले भाई अनिल से नहीं थी उम्मीद घर से तीनों बच्चों को वैन में घुमाने के लिए ले गया था।
पानीपत, जेएनएन। बिहोली गांव के अनिल की पत्नी आरती के हरिसिंह कालोनी के साहिल के साथ रिश्ते हो गए। पति-पत्नी में तल्खी इतनी बढ़ गई कि जिन बच्चों को अनिल बेहद प्यार करता था, उन्हीं को मौत के घाट उतारकर खुद भी जहर खाकर जान दे दी। उसकी बड़ी बेटी अंशु और बड़े बेटे वंश के शव दिल्ली पैरलल नहर में खूबडू के पास मिले। छोटे बेटे यश की पुलिस व स्वजन नहर में तलाश कर रहे हैं। बिहोली में मातम छाया हुआ है।
अनिल के बड़े भाई मंजीत ने बताया कि भाई तीनों बच्चों की हर ख्वाहिश पूरी करता था। वह रात को वैन चलाकर थका-हारा घर लौटता था। बच्चे घूमने की जिद करते थे तो मना नहीं करता था। दूसरे-तीसरे दिन बच्चों को वैन से घुमाने ले जाता था। 14 अप्रैल को भी उन्हें जरा सा भी शक नहीं हुआ कि अनिल ऐसा कदम उठा लेगा। वह बच्चों को वैन में बैठाकर यह कह घर से निकला था कि घुमाने ले जा रहा हूं। उन्हें क्या पता था कि भाई व बच्चों को वे फिर कभी जीवित नहीं देख पाएंगे। पति-पत्नी के विवाद में मासूम बच्चों की जान चली गई।
10:05 पर मिली थी नहर की लोकेशन
बापौली थाना प्रभारी हरनारायण ने बताया कि 14 अप्रैल को रात 10:05 बजे अनिल के मोबाइल फोन की लोकेशन दिल्ली पैरलल नहर एनएफएल नाके के पास की मिली थी। गोहाना मोड़ की अंतिम लोकेशन मिली थी, यहीं पर अनिल ने जहर खाया था। इसी से शक हुआ था कि अनिल ने बच्चों को नहर में न फेंक दिया हो। तभी से स्वजन व पुलिस बच्चों की नहर में तलाश कर रहे थे। सोनीपत व रोहतक पुलिस से भी यश की नहर में तलाश के लिए मदद ली जा रही है।
पति का संस्कार होते ही मायके लौट गई आरती
मंजित ने बताया कि 15 अप्रैल को भाई अनिल के शव का गांव में संस्कार किया गया। आरती कुछ देर बाद ही मायके निंबरी लौट गई। अगर आरती भाई के साथ झगड़ा न करती और प्रेमी साहिल का साथ छोड़ देती तो उसका भाई व बच्चे जिंदा होते। आरोपितों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करे।
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