तीन साल के यश का शव बहादुरगढ़ में नहर में मिला, पिता ने ली जान, बाद में की खुदकुशी

पानीपत की दर्दनाक घटना। पिता ने तीन बच्चों को नहर में फेंक दिया था। उसके बाद जहर खा लिया था। दो बच्चों के शव पहले मिल गए थे। तीसरे बच्चे का शव छह दिन बाद 90 किलोमीटर दूर मातन गांव के पास नहर में मिला।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 09:33 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 09:33 PM (IST)
तीन साल के यश का शव बहादुरगढ़ में नहर में मिला, पिता ने ली जान, बाद में की खुदकुशी
यश सबसे छोटा था। उसकी उम्र मात्र तीन साल थी। अवैध संबंधों में पूरा परिवार खत्म हो गया।

पानीपत, जेएनएन। बिहोली गांव के अनिल के छोटे बेटे तीन वर्षीय यश का शव छह दिन बाद पानीपत से 90 किलोमीटर दूर बहादुरगढ़ के मातन गांव के पास एनसीआर नहर में मिला। सोमवार सुबह करीब आठ बजे मांडोठी चौकी पुलिस ने नहर में अटके यश के शव को बाहर निकलवाया और बापौली थाना पुलिस को सूचना दी।

थाना प्रभारी हरनारायण ने बताया कि स्वजनों ने यश के कपड़ों से शव की शिनाख्त की। चौकी पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए बहादुरगढ़ अस्पताल ले गई। यहां पर फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉक्टर नहीं थे। इसी वजह से शव का पोस्टमार्टम झज्जर सिविल अस्पताल में कराकर स्वजनों को सौंप दिया गया। वहीं रविवार को अंशु व वंश के शव खूबड़ू झाल के पास नहर में मिले थे। पुलिस ने पिता अनिल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर रखा है।

आरती और उसके स्वजनों की नहीं हुई है गिरफ्तारी

अनिल को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने की आरोपित पत्नी आरती, उसके संदीप, सतीश, मां सुनीता और प्रेमी साहिल की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। बापौली थाना प्रभारी हरनारायण ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कार्रवाई होगी।

यह है मामला

बिहोली गांव के मंजीत ने पुलिस को शिकायत दी कि उसका छोटा भाई अनिल वैन चलाता था। अनिल की पत्नी आरती का हरिसिंह कालोनी के साहिल से प्रेम प्रसंग था। आरती, उसके प्रेमी, दो भाइयों व सास ने अनिल को जान से मारने की धमकी दी थी। मंगलवार को अनिल और आरती में झगड़ा हो गया था। आरती गांव से हरिसिंह कालोनी में आ गई थी। शाम करीब 7:30 बजे अनिल बेटी अंशु, वंश और यश को वैन में लेकर चला गया था। रात को अनिल ने कर बताया कि उसने गोहाना मोड़ के पास जहर निगल लिया है। अनिल की सिविल अस्पताल में मौत हो गई थी। अनिल के पास से सुसाइड नोट मिला था। अनिल ने जहर खाने से पहले तीनों बच्चों को नहर में फेंक दिया था।

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