Farmers Protest: रात को किसान का जींद में डेरा, सुबह दिल्ली की तरफ कूच

किसान आंदोलन को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। हालांकि अब किसान जींद में पहुंचकर दिल्‍ली की तरह कूच कर रहे हैं। रात में किसानों ने जींद में डेरा डाला था। आसपास के गांव के लोगों ने उनके खाने पीने की व्‍यवस्‍था की थी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 11:37 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 11:37 AM (IST)
Farmers Protest: रात को किसान का जींद में डेरा, सुबह दिल्ली की तरफ कूच
दिल्ली कूच कर रहा पंजाब के किसानों का कई किलोमीटर लंबा काफिला जींद शहर के बाईपास से निकलता हुआ।

पानीपत/जींद, जेएनएन। जींद के गांव किनाना में रात को डेरा डाले बैठे किसान शनिवार सुबह दिल्ली की तरफ कूच कर गए। इसके बाद जींद प्रशासन ने राहत की सांस ली। किनाना के आसपास के गांवों के लोगों ने आंदोलन की राह पर निकले पंजाब के किसानों तक खाने-पीने की चीजें पहुंचाई।

किसानों को दिल्ली की तरफ जाने से रोकने की खातिर जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार शाम पौली के पास की जिस सड़क को जेसीबी की सहायता से खोदा गया था, उसे ग्रामीणों ने बंद कर किसानों को आगे भेजने का काम किया। शनिवार को किसी तरह का कोई विरोध नहीं हुआ और किसान बिना किसी रोक-टोक के आगे निकल गए।

इससे पहले शुक्रवार को पंजाब के किसानों का जत्था सुबह दातासिंह वाला बॉर्डर से हरियाणा के जींद जिले में इंट्री कर गया था। सरदार जोगेंद्र सिंह उगराहां की अगुआई में हजारों ट्रैक्टर-ट्रालियों, बसों व जीप में सवार लाखों किसानों ने दिल्ली की तरफ कूच किया।

किनाना गांव में किसानों के जत्थे के रूकने की सूचना पर आसपास के गांवों के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और कहा कि उन्हें जिस भी चीज की जरूरत है, उन्हें बताएं। गांवों में शाम को मुनादी करवाई गई कि खाने-पीने की चीजें एक जगह पहुंचाएं, जिन्हें पंजाब के जत्थेदार किसानों को उपलब्ध करवाया जा सके। गोसाईं खेड़ा, शामलो कलां, शामलो खुर्द, गतौली समेत कई गांवों से सुबह  दूध और लस्सी तथा खाना आया और किसानों को खिलाया गया।

छह महीने का राशन साथ लेकर निकले हैं किसान

दिल्ली की तरफ जा रहे पंजाब के किसान सर्दी से बचने का पूरा प्रबंध और अगले छह महीने का खाने-पीने का राशन लेकर निकले हैं। पंजाब से 31 जत्थों ने दिल्ली के लिए कूच किया है। डेढ़ लाख से ज्यादा किसान इस जत्थे में शामिल होने का अनुमान लगाया गया है। राशन में चावल, गेहूं का आटा, खांड, दाल, चाय, नमक सहित सब कुछ था। आटा खत्म हो जाने पर गेहूं भी साथ थे और पिसाई के लिए चक्की भी साथ ले रखी थी। पानी व तेल के टैंकरों से लेकर, गैस सिलेंडर, तंबू व टेंट का सामान, माइक, राशन पकाने के लिए लकड़ियां, नहाने का प्रबंध, रजाई, सोने के लिए ट्रालियाें में गद्दे सहित सभी सामान साथ ले रखा था।

chat bot
आपका साथी