अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद किसानों को मिली खाद

दुकानदारों द्वारा खाद के साथ जबरन दवा ओर बीज देने का किसानों ने अनाज मंडी में विरोध किया। उच्चाधिकारी को मामले से अवगत कराया। उप कृषि निदेशक की हिदायत के बाद दुकानदार ने किसानों को आधार नंबर पर खाद बांटी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 08:04 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 08:04 PM (IST)
अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद किसानों को मिली खाद
अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद किसानों को मिली खाद

जागरण संवाददाता, समालखा: दुकानदारों द्वारा खाद के साथ जबरन दवा ओर बीज देने का किसानों ने अनाज मंडी में विरोध किया। उच्चाधिकारी को मामले से अवगत कराया। उप कृषि निदेशक की हिदायत के बाद दुकानदार ने किसानों को आधार नंबर पर खाद बांटी।

गढ़ीछाज्जू के किसान कृष्ण, रणवीर, मुकेश, दीपक, मोनू, प्रताप, संदीप, धर्मेंद्र, रामनिवास शहरमालपुर आदि ने बताया कि डीएपी की उन्हें जरूरत है। सोसाइटी में खाद नहीं है, जबकि निजी दुकानों पर इसका स्टाक है। वे निजी दुकान पर गए थे। वहां स्टाक होने के बावजूद दुकानदार ने उन्हें खाद नहीं दी। खाद के साथ बीज और दवा लेने की बात कही।

उन्होंने बताया कि बीज निजी दुकानों में रेट से करीब डेढ़ सौ रुपये महंगा बिक रहा है। एक हजार रुपये के 40 किग्रा का कट्टा 1150 में मिलता है। वहीं डीएपी सब्सिडी रेट पर 1200 रुपये में मिलता है। उन्होंने कहा कि खाद और बीज सब्सिडी रेट से अधिक पर नहीं बिकना चाहिए। अधिकांश किसानों के पास बीज पहले से है। फिर उन्हें खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उप कृषि अधिकारी ने बताया कि दुकानदार से बात हो गई है। किसान अधिक मात्रा में खाद लेना चाहते हैं, जबकि वह दो-तीन कट्टे प्रति किसान देने को तैयार है।

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