पॉली हाउस से मालामाल हो रहे यमुनानगर के किसान, सब्जियों की ले रहे 10 गुना पैदावार

यमुनानगर में किसान पॉली हाउस में खीरा शिमला मिर्च व अन्य फसलें उगा रहे हैं। गेहूं व गन्ना आदि छह माह में आने वाली फसलें हैं लेकिन सब्जी में तीन माह में उत्पादन शुरू हो जाता है। कुछ फसलें जैसे मूली व खीरा 40 दिन में तैयार हो जाती हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 03:56 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 03:56 PM (IST)
पॉली हाउस से मालामाल हो रहे यमुनानगर के किसान, सब्जियों की ले रहे 10 गुना पैदावार
इन दिनों गन्ना काट कर किसान सब्जी की कौन सी फसल उगा सकते हैं।

यमुनानगर, जेएनएन। परंपरागत खेती को छोड़ सब्जियों की फसलों की खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है। ऐसे किसानों की संख्या कम नहीं है जो सामान्य विधि के अलावा पॉली हाउस में खीरा, शिमला मिर्च व अन्य फसलें उगा रहे हैं। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विभाग की ओर से क्या योजनाएं चलाई हुई हैं। वह इनका लाभ कैसे ले सकते हैं। इन दिनों गन्ना काट कर किसान सब्जी की कौन सी फसल उगा सकते हैं। इन तमाम मुद्​दों को लेकर यमुनानगर के जिला उद्यान अधिकारी डा. रमेश पाल सैनी ने मार्गदर्शन किया।

सवाल : जिले में सब्जी व फूलों की फसलों का एरिया कितना है।

जवाब : करीब पांच हजार एकड़ से अधिक में सब्जियों की फसलें हैं। इनमें टमाटर, खीरा, करेला, तोरी, घिया शामिल हैं। फूलों की खेती अच्छे स्तर पर हो रही है। करीब 20 एकड़ में गेंदा, जरबेरा व गुलाब की फसल है।

सवाल : सब्जियों की खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए विभागीय स्तर पर क्या प्रयास किए जा रहे हैं।

जवाब : सब्जी उगाने पर आठ हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जाता है। यदि बैड बनाकर सब्जी उगाते हैं तो 6400 रुपये प्रति एकड़ व टनल विधि से सब्जी उगाने पर 50 फीसद अनुदान दिया जाता है।

सवाल : इन दिनों गन्ने कटाई के बाद खेत खाली हो रहे हैं। किसान किन-किन फसलों की बिजाई कर सकते हैं।

जवाब : गन्ने की मोढी फसल में मेड़ बनाकर धनिया बेहतरी से उगा सकते हैं। लवेरा गन्ना में टिंडे की फसल उगाई जा सकती है। खाली खेत में बेल वाली फसलें लगाने का उचित समय है। हाइब्रिड बीज खरीदने पर आठ हजार रुपये एकड़ अनुदान विभाग की ओर से दिया जाता है।

सवाल : सब्जियों की फसलें अन्य फसलों की तुलना में किस तरह बेहतर हैं।

जवाब : गेहूं व गन्ना आदि छह माह में आने वाली फसलें हैं, लेकिन सब्जी की फसल में तीन माह में उत्पादन शुरू हो जाता है। कुछ फसलें जैंसे मूली व खीरा 40 दिन में तैयार हो जाती हैं। मंडी में बिकते ही पैसे मिल जाएंगे। आमदन भी अन्य फसलों से दोगुनी है।

सवाल : भावांतर भरपाई योजना के दायरे में कौन सी फसलें हैं। इसका क्या फायदा है।

जवाब : सब्जियों की फसलें भावांतर भरपाई योजना के दायरे हैं। इनका मूल्य सरकार ने तय कर दिया। यदि उससे कम बाजार में बिकता है, उसकी भरपाई योजना के तहत होगी। इसके लिए पहले विभाग को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मंडी में जे फार्म कटवाना होगा। जैसे ही जे फार्म जमा होगा, लाभ किसान के खाते में चला जाएगा।

सवाल : पॉली हाउस में सब्जियों की खेती के क्या फायदे हैं।

जवाब : जिले में पॉलीहाउस में सब्जियां उगाने के प्रति किसानों का रुझान बढ़ रहा है। 10 गुना अधिक फसल निकलती है। एक एकड़ पॉली हाउस से 800 क्विंटल तक खीरा निकल रहा है।

सवाल : जिले में मशरूम की खेती की क्या स्थिति है? और कितनी पैदावार है।

जवाब : मशरूम उत्पादन में अब यमुनानगर प्रदेश में नंबर एक पर है। हर दिन जिले में 20 टन की पैदावार हो रही है। चार बड़ी यूनिट भी चल रही हैं।

सवाल : बाग लगाने के क्या फायदे हैं और विभाग की ओर से इस दिशा में क्या योजना चलाई हुई है।

जवाब : बाग लगाने पर कुल खर्च का 50 फीसद अनुदान दिए जाने की योजना है। यह तीन किस्तों में दिया जाता है। बाग लगाकर किसान अच्छा लाभ कमा सकता है। अमरूद व नींबू दूसरे साल में फसल देना शुरू कर देता है।

सवाल : कितने प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन ( एफपीओ ) बन चुके हैं। इसके क्या फायदे हैं। कहां एफपीओ बने हुए हैं।

जवाब : जिले में कुल 50 एफपीओ बनाए जाने हैं। तीन चालू हो चुके हैं। है। दस किसान मिलकर एक एफपीओ बना सकते हैं। इनके साथ 150 से अधिक किसान जुड़ जाते हैं। ये किसान अपनी फसल यहीं बेचेंगे। इनको दाम भी अच्छे मिलेंगे और बाहर की मंडियों में नहीं जाना पड़ेगा। बड़ी कंपनियां इनके पास ही आ जाएंगी।

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