खेती करने का बदला नजरिया, कैथल में नेट हाउस से किसान कमा रहे लाखों

कैथल में खेती करने का नजरिया अब बदल रहा है। अब किसान परंपरागत खेती से हटकर नेट हाउस की तरफ रुख कर रहे हैं। 215 किसान नेट हाउस लगाकर कमा रहा है एक एकड़ के नेट हाउस से दस लाख। 65 प्रतिशत सब्सिडी दे रहा है बागवानी विभाग।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 04:58 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 04:58 PM (IST)
खेती करने का बदला नजरिया, कैथल में नेट हाउस से किसान कमा रहे लाखों
कैथल में नेट हाउस खेती का चलन बढ़ रहा।

कैथल, जेएनएन। कैथल जिले के किसानों ने खेती करने का नजरिया बदल लिया है। अब 215 के करीब किसानों ने पारंपरिक खेती बाड़ी को कम कर नेट हाउस को आय का जरिया बनाया है। किसान बताते है कि पैदावार घटने लगी थी। इस कारण से किसान अब फसल चक्र विधि अपनाने लगे हैं। किसान संदीप, राजेश व रामकुमार ने बताया कि एक एकड़ जमीन में नेट हाउस के जरिए वे 10 लाख रुपये सालाना आमदनी कमा लेते है। जितना गेहूं और धान से कमा नहीं सकते हैं। किसानों का कहना है कि समय के साथ किसानों को बदलना जरूरी है। खेती घाटे का सौदा नहीं है, यदि बेहतरी से और समय की मांग के अनुरूप किया जाए।

यहां तक जाती है कैथल के नेट हाउसों की सब्जियां

कैथल के नेट हाउस में खीरा, शिमला मिर्च व टमाटर की खेती की जाती है। व्यापारी खेत से ही अच्छे भाव में इन सब्जियों को खरीदकर ले जाते हैं। पंजाब के अमृतसर, पटियाला, बठिंडा, अमृतसर, जालंधर, हरियाणा के हिसार, जींद, नरवाना, कैथल, कुरुक्षेत्र के व्यापारी खरीदकर ले जाते हैं। फसल बेचने के बाद भुगतान को लेकर भी कोई दिक्कत नहीं आ रही है।

ये कागजात जरूरी

मेरी फसल मेरा ब्योरा पर पंजीकरण

दो फोटो

आधार कार्ड

मिट्टी पानी की जांच रिपोर्ट

नेट हाउस का नक्सा

65 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है सरकार

नेट हाउस पर सरकार की तरफ से 65 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इसमें 50 प्रतिशत सब्सिडी केंद्र सरकार देती है और 15 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकार देती है। बागवानी विभाग से 65 प्रतिशत सब्सिडी लेकर किसान काम शुरू करते है। शुरुआत में 20 लाख रुपये का प्रोजेक्ट है। इसके बाद 65 प्रतिशत सरकार की ओर से वापस मिल जाते है।

डीएचओ बागवानी विभाग प्रमोद कुमार का कहना है कि नेट हाउस की तरफ किसानों का रुझान बढ़ा है। जिले में करीब 200 किसान नेट हाउस के जरिए टमाटर, खीरा, मिर्च की खेती कर रहे हैं। विभाग की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है। ताकि किसान को किसी प्रकार की परेशानी न हो। लोगों का रुझान बढ़ रहा है।

chat bot
आपका साथी