कपास की खेती को कीटों से बचाने के लिए किसान अभी स्प्रे से बचें, बरतें ये सावधानी
कपास की खेती करने वाले किसान सावधान रहें। कपास की फसल में लगे कीटों के लिए स्प्रे का प्रयोग अभी न करें। बारिश और पूर्वा हवा चलने से आई कपास की फसल में बीमारी। कपास उत्पादक इसका विशेष ख्याल रखें।
जींद, जागरण संवाददाता। बरसाती सीजन कपास उत्पादक किसानों के लिए परेशानी बन रहा है। जलभराव की वजह से जहां जिले में सैकड़ों एकड़ फसल कपास की खराब हो चुकी है। वहीं अब कपास की फसल में कीटों के प्रकोप बढ़ गया है। जिससे बीमारी आ गई है। किसानों के लिए परेशानी यह है कि आसमान में बादल छाए रहने और बारिश की संभावना के कारण स्प्रे करने में दिक्कत आ रही है।
स्प्रे करने के लिए धूप खिली हुई होनी चाहिए और 1 से 2 दिन स्प्रे के बाद बारिश न हो, तो ही स्प्रे का बेहतर रिजल्ट मिलता है। किसानों ने बताया कि इस समय कपास की फसल में सबसे ज्यादा मरोडिया की शिकायत है। जिससे कपास की बढ़वार रुक गई है। इस बीमारी में कपास की फसल के पत्ते सिकुड़ रहे हैं। यह समय कपास की फसल में फूल और टिंडे आने का है। लेकिन बीमारी की वजह से इससे फूल और टिंडे कम आएंगे। जिससे उत्पादन पर सीधा असर पड़ सकता है।
कुछ किसान जहां शुरू से ही महंगे स्प्रे मार रहे हैं। जिससे उनकी लागत भी बढ़ रही है। कृषि विशेषज्ञ किसानों सलाह दे रहे हैं कि बारिश का मौसम ध्यान में रखते हुए किसान अभी कोई महंगा स्प्रे फसल में ना करें। अभी नीम वाली वाली दवाई का स्प्रे करें और अगले कुछ दिनों तक बारिश होने की संभावना है। उसके बाद मौसम साफ होने का इंतजार करें और मौसम साफ होने पर विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही सप्रे करें।
जल से खबरों से भी खराब हो चुकी फसल
जींद जिले में करीब 70 हजार हेक्टेयर में कपास की फसल है। पिछले सप्ताह हुई तेज बारिश की वजह से कपास की फसल में जलभराव हो गया। जिससे हजारों एकड़ फसल के खराब होने की आशंका है। इस कारण जिले में कपास का रकबा घटकर 60 से 65 हजार हेक्टेयर रह सकता है। जो कपास की फसल खराब हुई है। उसकी जगह किसान धान की रोपाई कर सकते हैं।
कृषि वैज्ञानिक डॉ यशपाल मलिक ने बताया कि अभी बारिश का मौसम चल रहा है। साथ ही पूर्वा हवा चलने की वजह से कपास की फसल में बीमारी आई हैं। कपास की फसल के लिए पश्चिमी हवा उपयुक्त मानी जाती है। किसान भाई अपनी फसल की लगातार निगरानी करते रहें। अगर खेत में किसी पौधे में ज्यादा मरोडिया की शिकायत है, तो उसे उखाड़कर जमीन में दबा दें। शुरुआत में ही ज्यादा महंगे और हेवी डोज के स्प्रे ना करें। शुरुआत में ही हेवी डोज का स्प्रे करने से एक बार तो कीट मर जाएंगे। लेकिन उसके बाद दोबारा बीमारी आने पर हेवी डोज की दवा भी काम नहीं करेगी। मार्केट में नीम की बहुत सी दवा आई हुई हैं। जो सस्ती भी है, शुरुआत में यह दवा कपास की फसल में काम कर देगी और जब मौसम साफ हो तो किसान डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेकर स्प्रे करें।