मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने में किसानों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी, जानिए वजह

मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने में किसानों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। केवल 38 फीसदी किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसका मुख्य कारण मार्केट में समर्थन मूल्य से ज्यादा भाव मिलना माना जा रहा है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 04:14 PM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 04:14 PM (IST)
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने में किसानों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी, जानिए वजह
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 38 फीसद किसानों ने ही कराया रजिस्ट्रेशन

जींद, जागरण संवाददाता। मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल अपनी फसलों का रजिस्ट्रेशन कराने में किसान रुचि नहीं ले रहे है। रजिस्ट्रेशन की तिथि बढ़ाने के बावजूद बहुत जिले में केवल 38 फीसद किसानों ने ही फसलों का रजिस्ट्रेशन कराया। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने की अंतिम तिथि 31 अगस्त थी। पोर्टल पर फसलों का रजिस्ट्रेशन ना कराने का कारण मार्केट में समर्थन मूल्य से ज्यादा भाव भी होना है। खरीफ की फसलों में जिले में मुख्य तौर पर धान और कपास की फसल होती है। इस बार धान की फसल 1.40 लाख हेक्टेयर में है और करीब 65 हजार हेक्टेयर में कपास की फसल है। मार्केट में कपास समर्थन मूल्य से ऊंचे दामों पर बिक रही है। वहीं पीआर धान को ही सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदती है। जिले में पीआर धान की फसल बहुत कम एरिया में होती है। ज्यादातर बासमती धान की फसल होती है, जिसकी सरकारी खरीद नहीं होती। जिन किसानों ने पीआर धान की रोपाइ की हुई है, ज्यादातर उन्होंने ही फसल का रजिस्ट्रेशन कराया है।

रजिस्ट्रेशन कराने वालों को ही मिलेगा योजनाओं के लाभ

कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लाभ के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसलों का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। जिससे सरकार के पास भी रिकार्ड भी हो कि किस खेत में कौन सी फसल है। प्रदेश सरकार ने इस बार पूरी कृषि योग्य भूमि पर कहां कौन सी फसल है, इसका डाटा जुटाने के लिए अधिकारियों की भी जिम्मेदारी सौंपी हुई है। 

किसानों के हित में है योजना

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल का रजिस्ट्रेशन होने से किसानों को ही सुविधा मिलेगी। वे अपनी फसल को मंडी में समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे। अगर मार्केट में समर्थन मूल्य से ज्यादा भाव हैं, तो किसान मार्केट में फसल बेच सकते हैं। रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किसानों को जागरूक किया गया। रजिस्ट्रेशन करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त थी। करीब 38 फीसद किसानों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है।

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