किसान हो जाएं सावधान, गन्‍ने पर इस किट की बुरी नजर, फसल बुरी तरह से प्रभावित

गन्‍ना किसान को सावधान होने की जरूरत है। गन्ने का रस चूस रहा टोप बोरर। यमुनानगर में 85 हजार एकड़ में गन्ना की फसल। 285 किस्म में अधिक असर। इस कीट की वजह से फसल बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 10:52 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 10:52 AM (IST)
किसान हो जाएं सावधान, गन्‍ने पर इस किट की बुरी नजर, फसल बुरी तरह से प्रभावित
गन्‍ने की फसल को लेकर किसान चिंतित।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। गन्ना की फसल टोप बोरर(अगोला भेदक) की चपेट में है। फसल बुरी तरह प्रभावित हो रही है। उत्पादक किसान चिंतित हैं। कीट बहुत तेजी से फैल रहा है। कीट के प्रकोप का असर उत्पादन व गुणवत्ता पर पड़ना स्वभाविक है। साथ ही अगोले यानी हरे चारे की कमी भी हो सकती है। किसान दवाओं के छिड़काव आदि कर कीट के प्रभाव को नियंत्रित करने में जुटे हैं। बता दें कि जिला में करीब 85 हजार एकड़ में गन्ना की फसल है।

अप्रैल-मई में होती शुरुआत

किसानों के मुताबिक टोप बोरर का प्रकोप अप्रैल-मई में शुरु होता है। अक्टूबर तक रहता है। हालांकि गन्ने की हर किस्म में इसका असर देखा जा रहा है, लेकिन 238 किस्म का गन्ना अधिक आ रहा है। इस किस्म में शुगर की मात्रा काफी अधिक होती है तो कीट अधिक आकर्षित होता है। नाइट्रोजन का अधिक इस्तेमाल भी कीट के प्रकोप का एक कारण बताया जा रहा है। इसका प्रकोप पूरे जिले में देखा जा रहा है। यह सुंडी कीट पत्तियों की गोभ में लगता है और अगोले तक पहुंच जाता है। अगोला पत्ती और गन्ने की पोरियों के बीच का भाग होता है। पत्ती अगोले में छिद्र करने के साथ ही गन्ने की पोरियों की आंखों को क्षतिग्रस्त कर देता है।

दवाइयों के छिड़काव का असर नहीं

क्षेत्र के गन्ना उत्पादक किसान राजेंद्र कुमार, सुनील कुमार, मुकेश कुमार व रणदीप ने बताया कि गन्ना की फसल में न दिनों टोप बोरर का प्रकोप अधिक देखा जा रहा है। इन दिनों गन्ना इस स्थिति में है कि दवाइयों का छिड़काव करना भी मुश्किल है। यदि न करें तो फसल में नुकसान का दायरा बढ़ जाएगा। ऐसे में किसान ट्रैक्टर चालित स्प्रे पंपों से दवाइयों का छिड़काव कर रहे हैं। इससे खर्च बढ़ जाता है। उनका कहना है कि अब से पहले भी कई बार दवाइयों का छिड़काव किया जा चुका है, लेकिन कीट पर नियंत्रण नहीं है। किसानों की मांग है कि प्रभावित फसल का सर्वे करवाकर छिड़काव करवाया जाए।

यह करें उपचार

कृषि विज्ञान केद्र दामला के समन्वयक डा. एनके गोयल के मुताबिक गन्ने की फसल को टोप बोरर से बचाव के लिए किसान 10 किलो यूरिया में 10 किलो फोरेट या 13 किलो फ्यूराडान डालें। हालांकि इन दिनों गन्ना बड़ा हो गया है। दवाई डालना मुश्किल काम है, लेकिन फसल के बचाव के लिए यह जरूरी है।

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