नए अंदाज में दिखेगा किसान आंदोलन, टेंट की जगह झोपड़ी, हाईटेक होगा धरना स्‍थल

हरियाणा में किसान आंदोलन अब एक नए रंग में दिखेगा। मार्च माह में अलग माहौल में नजर आएगा कुरुक्षेत्र का सैनी माजरा टोल पर धरना। टेंट की जगह होगा झोपड़ी का निर्माण कूलर व मच्छदानी का होगा अलग से प्रबंध।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 05:34 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 08:06 PM (IST)
नए अंदाज में दिखेगा किसान आंदोलन, टेंट की जगह झोपड़ी, हाईटेक होगा धरना स्‍थल
टोल में चल रहे धरने में किसान झोपड़ी तैयार कर रहे।

कुरुक्षेत्र, जेएनएन। कुरुक्षेत्र के सैनी माजरा टोल पर मार्च माह में माहौल अलग ही नजर आएगा। यहां किसान टेंट की जगह झोपड़ी का निर्माण करेंगे। इन झोपड़ियों में बाकायदा कूलर लगाए जाएंगे। इसके साथ ही मच्छरदानियों के अलग से प्रबंध रखे जाएंगे। इन सबका किसान आने वाले गर्मी के मौसम के मद्देनजर अभी से प्रबंध करने में जुट गए हैं।

किसानों ने सर्दी का पूरा मौसम टेंट में निकाला है। यह टेंट दिन की धूप में सेंक देने लगे हैं। ऐसे में किसानों ने रविवार को बैठक कर निर्णय लिया कि यहां टोल के कच्चे किनारे पर मिट्टी का भराव कर समतल मैदान तैयार किया जाए। इस मैदान पर विशालकाय झोपड़ियों बनाई जाएं, ताकि इनमें रात ही नहीं तपती दोपहरी में किसान आराम फरमा सकें। दिन के समय किसानों के लिए टोल के शेड के नीचे अलग से प्रबंध रखे जाएंगे। किसान आने वाले दिनों में लू से निपटने के भी विकल्प तलाश रहे हैं।

बैठक की अध्यक्षता करते मनजीत चौधरी ने कहा कि झोपड़ियों में कूलर लगाए जाएंगे। यही नहीं झोपड़ी से बाहर रात के समय सोने वालों के लिए मच्छरदानियों के अलग से प्रबंध रखे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि गर्मी में सवेरे शाम नहाने के लिए आसपास के ट्यूबवेलों पर व्यापक प्रबंध किए जाएंगे। किसानों ने परामर्श दिया कि रात के समय फर्राटे पंखों का भी प्रबंध रखा जाए। किसानों ने इस पर अधिक बल दिया कि कोई भी सामान किराये पर ना लाया जाए। आंदोलन लंबा चलेगा। ऐसे में सामान का खुद ही लाया जाना चाहिए।

अपनी क्राकरी की तैयार

किसानों ने पिछले चार दिन में यकायक कई बदलाव किए। किराये के सभी बर्तनों की जगह अपने बर्तन लाए गए हैं। इनमें चूल्हे, बाल्टी, पतीले आदि शामिल हैं। इसके साथ ही चाय के लिए अलग से क्राकरी का प्रबंध किया गया है। अब गर्मी के मौसम का सारा सामान भी खरीद कर ही लाया जाएगा। ऐसे में साफ है कि किसान अब स्थायी प्रबंधन पर अधिक बल दे रहे हैं।

युवाओं की होंगी अलग-अलग टीमें

टोल पर दो दिन पहले युवा दिवस मनाया गया। इसके साथ ही अब गांव दर गांव युवाओं की टीमों का गठन किया जा रहा है। इनके कंधों पर टोल पर धरना मजबूत रखने की जिम्मेदारी होगी। युवाओं को अधिक से अधिक संबोधन का समय दिया जाएगा। युवाओं के अनुसार ही रोज का शेड्यूल तैयार किया जाएगा। युवाओं की राय पर ही आगामी निर्णय लिए जाएंगे।

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