करनाल में देखते ही देखते पलट गई जमीन, आज वैज्ञानिक सुलझाएंगे इसका रहस्‍य

करनाल के खेत की जमीन अचानक से उठने के साथ पलटने का वायरल वीडियो इंटरनेट मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा। इस जमीन की वास्‍तविक स्थिति को जानकर वैज्ञानिक भी असमंजस में पड़ गए हैं। वे इसकी जांच में लग गए हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 08:43 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 08:43 AM (IST)
करनाल में देखते ही देखते पलट गई जमीन, आज वैज्ञानिक सुलझाएंगे इसका रहस्‍य
करनाल के खेत में पलटी पड़ी जमीन की मिट्टी।

करनाल (निसिंग), संवाद सूत्र। करनाल के कुचपुरा गांव में खेत की जमीन उठने के साथ-साथ पलटने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रहा। अब वैज्ञानिक भी इस जमीन के रहस्‍य को जानना चाह रहे हैं। वैज्ञानिक अचानक हुई इस घटना से असमंजस की स्थिति में हैं।

कुचपुरा गांव के किसान नफे सिंह की धान के खेत में बरसात का पानी जमा होने से मिट्टी पलटने की घटना ने सभी को हैरानी में डाला हुआ है। इस मामले के रहस्‍य को सुलझाने के लिए विज्ञानियों की टीम शनिवार को खेत का दौरा कर सकती है। इसके बाद ही इस संबंध में स्थिति स्पष्ट होगी।

टीलानुमा बन गया खेत

टीम शुक्रवार को जानी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से खेत का निरीक्षण स्थगित करना पड़ा। विज्ञानियों के आने की जानकारी मिलने के बाद दिनभर किसान खेत में भी रहे। इस समय खेत की स्थिति में कोई ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला है। खेत की आकृति जगह-जगह से टीलानुमा बनी हुई है। हालांकि जैसे-जैसे जमीन पानी पी रही है, वैसे ही टीला धीरे-धीरे नीचे जा रहा है, जो पहले से काफी जमीन में धस गया है।

ये भी मान रहे

गौरतलब है कि कुचपुरा के किसान ने फसल की कम पैदावार देने वाले अपने एक एकड़ खेत से मिट्टी की गहरी खोदाई करवाई थी, जिसे राईसमिल की राख से भरा गया। उसके ऊपर दो से डेढ़ फुट मिट्टी की परत डाली गई। फिर धान की फसल रोपाई की गई। 13 जुलाई को हुई बरसात के बाद अधिक जलभराव हो गया। इसके बाद खेत में मोटी दरारें फट गईं। खेत का पानी नीचे चला गया और जमीन में उफान आने से टीले में तबदील हो गई। इसे देख लोग इसे कुदरत का करिश्माा सहित कई प्रकार की भ्रांतियां फैलाने लगे। खेत में टीला बनने के कारण क्या थे, यह वैज्ञानिकों की जांच का विषय है। फिलहाल लोग जमीन में गैस बनने या राख के हल्की होने के कारण पानी पर तैरने के अनुमान लगा रहे हैं।

किसान को नुकसान

इस मामले में कारण जो भी हों, यह भी सच है कि इसमें किसान को काफी आर्थिक का नुकसान पहुंचा है। किसान की एक एकड़ धान की फसल बर्बाद होने के साथ ही उसे खेत को समतल करने के लिए फिर से हजारों रुपये खर्च करने पड़ेंगे। इससे किसान को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।

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