आपके स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी खबर, पानीपत में मिठाइयों पर एक्सपायरी तारीख लिखना जरूरी

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन बुलाएगा बैठक। एफएसएसएआइ नियम मानने होंगे। जानिये किस मिठाई को कितने समय तक इस्‍तेमाल कर लेना चाहिए। दुकानदार अगर नियम नहीं मानते तो कार्रवाई हो सकती है। पानीपत शहर में मिठाई का सालाना कारोबार लगभग 40 करोड़ रुपये का है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 12:48 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 12:48 PM (IST)
आपके स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी खबर, पानीपत में मिठाइयों पर एक्सपायरी तारीख लिखना जरूरी
नियमों का पालन कराने के लिए जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन हलवाईयों की बैठक बुलाएगा।

पानीपत, जेएनएन। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण(एफएसएसएआइ) के नियमों का पालन कराने के लिए जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन हलवाईयों की बैठक बुलाएगा। मिठाई से भरे कंटेनर्स और ट्रे पर निर्माण और इस्तेमाल की तिथि डिस्पले करने के लिए जागरूक किया जाएगा।

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्यामलाल ने बताया कि यह नियम एक जून 2020 में लागू किया गया था। उन्होंने बताया कि शहर में मिठाइयों की करीब 80 दुकानें हैं। मिठ्ठन स्वीट्स की श्रंखला, अग्रवाल स्वीट्स, भगत स्वीट्स और बीकानेर जैसे बड़े नाम शामिल हैं। शहर में मिठाई का सालाना कारोबार भी लगभग 40 करोड़ रुपये का है। एफएसएसएआइ ने खुली मिठाइयों को भी खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग और लेबलिंग) विनियम-2011 के दायरे में शामिल किया। उत्पादन तिथि, एक्सवायरी तारीख का निर्धारण उत्पादन के प्रकार और तापमान को ध्यान में रखकर रखना होगा।

हलवाइयों की बैठक बुलाते हुए एफएसएसएआइ के नियमों का पालन कराया जाएगा। इसके बाद भी उल्लंघन करते पकड़े जाने पर दुकानदार के विरुद्ध कार्यवाई की जाएगी। इसमें दो लाख रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान है।

आपके काम की बात

बंगाली मिठाइयों जैसे रसगुल्ला, रस-मलाई, स्पंज आदि को रेफ्रीजरेटर में नहीं रखें। इन्हें 48 घंटे के भीतर में इस्तेमाल कर लेना चाहिए। मावा से बनी मिठाई, खासकर किसी भी प्रकार की बर्फी को रेफ्रीजरेटर में बिल्कुल न रखें। बेसन और मैदा से बनी मिठाइयों को भी ठंडे-खुश्क वातावरण में रखना चाहिए।

छोटी दुकानों पर निगरानी मुश्किल

मिठाइयों की बड़ी दुकानों पर विभाग आसानी से निगरानी रख सकता है। गली-मुहल्लों में खुली छोटी दुकानों पर निगरानी रखना और निरीक्षण विभाग के लिए चुनौती रहेगा। मैन पावर और संसाधनों की कमी, विभागीय अधिकारियों को सता रही है।

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