सावधान! सैनिटाइजर के अधिक इस्तेमाल से हो सकती है स्किन एलर्जी, ऐसे करें त्वचा की देखभाल
अधिक गर्म मौसम में सैनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल न करें। एल्कोहल की अधिक मात्रा वाले सैनिटाइजर त्वचा के लिए ठीक नहीं हैं। गत वर्ष एक रिपोर्ट भी आई थी कि सैनिटाइजर में बेंजीन की मात्रा पाई गई थी। इसलिए साबुन से हाथ धोने की कोशिश करें।
पानीपत, जेएनएन। चिलचिलाती धूप, तेज गर्मी में यदि आप सस्ते हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह आपके लिए नुकसान भी पहुंचा सकता है। बेहतर होगा कि इसे विकल्प के रूप में चुनें। बार-बार हाथों-बाजुओं को सैनिटाइज करने से खुजली, लाल दाने हो सकते हैं।
सिविल अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. राघवेंद्र सिंह ने बताया कि मार्च-अप्रैल में अधिक गर्मी नहीं थी। इसलिए सैनिटाइजर लोगों की त्वचा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखा। मई में दुष्प्रभाव दिखने लगा था। अब रोजाना पांच-छह मरीज आ रहे हैं। एल्कोहल की अधिक मात्रा वाले सैनिटाइजर त्वचा के लिए ठीक नहीं हैं। गत वर्ष एक रिपोर्ट भी आई थी कि सैनिटाइजर में बेंजीन की मात्रा पाई गई थी। बेंजीन कैंसर को बढ़ावा देता है।
चिकित्सक ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए हाथों को सैनिटाइज करना बहुत जरूरी है।
बाजार से खरीदे सैनिटाइजर का इस्तेमाल तभी करें जब साबुन-पानी से हाथों को धोने की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
इन बातों पर दें ध्यान
घर में सुरक्षित रहते हुए हाथों को बार-बार सैनिटाइजर से साफ न करें। साबुन-पानी से हाथ धोएं। हाथों का रुखापन दूर करने के लिए रात में पेट्रोलियम जैली, नारियल का तेल या गुलाब जल लगाएं। आपको कई घंटे त्वचा पर किसी प्रकार की एलर्जी दिखे तो विशेषज्ञ से परामर्श लें।
स्वच्छ मास्क पहनना भी जरूरी
कोरोना से बचना है तो घर से बाहर मास्क पहनकर ही निकलें। ध्यान रहे कि पसीने में भीगा हुआ मास्क पूरे दिन न पहने रखें। मास्क एन-95 है तो चार खरीदें, बदल-बदलकर पहनें। मास्क कपड़े का है तो वह साफ सुथरा होना चाहिए। गर्मी और उमस के मौसम में गंदा मास्क पहनने से बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा रहेगा। चेहरे पर फुंसियां होने लगती हैं। किसी व्यक्ति की त्वचा तैलीय है, उनके चेहरे की त्वचा को अधिक नुकसान पहुंचता है।
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