हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल था अंबाला का यह स्कूल, अंग्रेजों ने रखी थी इसकी नींव

हरियाणा के अंबाला में हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक हिंदु मोहम्मडन स्कूल की स्‍थापना अंग्रेजों ने की थी। साल 1893 में अंग्रेज अफसर ने स्कूल का रखा था नींव पत्थर। आज इस जगह पर राजकीय स्नातकोत्तर कालेज है जहां हजारों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 08:44 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 08:44 AM (IST)
हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल था अंबाला का यह स्कूल, अंग्रेजों ने रखी थी इसकी नींव
अंग्रेज अफसर द्वारा किया गया हिंदू मोहम्मडन स्कूल का शिलापट। जागरण

अंबाला, जागरण संवाददाता। आजादी से पहले हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल आज भी अंबाला के इस स्‍कूल में देखने को मिलती है। अंग्रेजों के द्वारा स्‍थापित स्‍कूल में एकता के सुबूत भी मिलते हैं। अब इसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक भी आते हैं।

अंग्रेजों के शासनकाल में एक अंग्रेज अफसर ने हिंदू मुस्लिम एकता को दर्शाते स्कूल की नींव रखी थी। इसे करीब 128 साल हो चुके हैं, लेकिन यह शिलापट आज भी इस एकता की मिसाल दर्शा रहा है।  हम बात कर रहे हैं अंबाला कैंट के राजकीय स्नातकोत्तर कालेज की, जहां इसका शिलापट आज भी मौजूद है।

राजकीय स्नातकोत्तर कालेज में तब्‍दील

उल्लेखनीय है कि इस कालेज के स्थान पर कभी कैंटोनमेंट बोर्ड (सीबी) स्कूल हुआ करता था। धीरे-धीरे यह स्कूल बाद में रेलवे रोड पर शिफ्ट कर दिया गया, जहां पर आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय है। लेकिन जिस स्थान पर हिंदू मुस्लिम एकता को दर्शाता स्कूल हुआ करता था उसके निशान आज भी हैं। राजकीय स्नातकोत्तर कालेज में इसकी निशानी देखने को मिलती है। जहां कालेज है, वहां पर कभी हिंदू मोहम्मडन स्कूल हुआ करता था।

अब यहां का स्‍कूल लुप्‍त और शिलापट मौजूद

दोनों समुदाय के छात्र आपस में बैठकर शिक्षा ग्रहण करते थे। यह भी सच है कि इस स्कूल का शिलान्यास एक अंग्रेज अफसर ने किया था। बात दस अक्टूबर 1893 की है। अंग्रेज अफसर कैप्टन टीएच बेर्यंसफेथ ने इस स्कूल का शिलान्यास किया था। सालों तक यह दोनों समुदाय की एकता का परिचायक बना रहा। लेकिन जैसे-जैसे शिक्षा के मामले में अंबाला ने तरक्की की, उसके बाद यह स्कूल लुप्त सा हो गया। सिर्फ एक शिलापट ही रह गया है। हालांकि इस स्थान पर सरकार ने राजकीय स्नातकोत्तर कालेज की सौगात दी है। लेकिन इस शिलापट हमें गौरवान्वित करता है कि हिंदू मुस्लिम एकता की निशानी को अंग्रेज अफसर ने शुरू किया था।

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