ईपीसीए चेयरमैन भूरेलाल अफसरों पर भड़के, कहा- कुछ तो शर्म करो, जानें क्या है मामला...
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल पानीपत में अफसरों पर भड़क पड़े। चिमनियों से उठता धुंआ देख उन्होंनेे कहा कि कुछ तो शर्म करो।
जेएनएन, पानीपत। सितंबर आधा से ज्यादा बीत चुका है। सर्दी की शुरुआत से पहले ही इस बार पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ईपीसीए (Environmental Pollution Control Authority) के अध्यक्ष भूरेलाल ने स्माग (कोहरे में मिला हुआ धुंआ) पर नियंत्रण की तैयारियों का अवलोकन करने के लिए गाजियाबाद से लेकर दिल्ली तक 12 घंटे का समय दिया। इस दौरान उन्होंने हर शहर में एक-एक बिंदु पर चर्चा की। हर जिले के उपायुक्तों के साथ संबंधित विभागों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
पानीपत के डंपिंग स्टेशन में बदइंतजामी और फैक्टरियों की चिमनियों से निकलता धुआं देखकर भड़क गए। अफसरों से कहा- कुछ तो शर्म करो। डीसी के सामने निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को फटकार लगाई। यह हवाला भी दिया- किसी समय में काम कैसे होता है, इसके लिए हरियाणा के अफसरों का उदाहरण दिया जाता था। आज देख रहा हूं कि आप बाहर निकलने को तैयार नहीं हो। पर्यावरण की किसी को चिंता नहीं। आम जन की जिंदगी में जहर घुल रहा है। आप इंडस्ट्री को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से पानी दिलाने का इंतजाम करो। डंपिंग स्टेशन शहर के बीच में तो होना ही नहीं चाहिए। कामन बायलर प्लांट जल्द लगाने की तैयारी करो। इसकी रिपोर्ट मुझे भेजो।
ढाई घंटे रहे पानीपत में
सबसे पहले निंबरी कचरा डंपिंग स्टेशन पर पहुंचे। कचरे को अलग करने, रीयूज करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। पास में ही एक अवैध ब्लीच हाउस चलता मिला। इसे उसी समय बंद करने के निर्देश दिए। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टर 25 स्थित मैदान पर कंस्ट्रक्शन की सामग्री देख बिफर गए। उनकी बात का अफसरों के पास कोई जवाब नहीं था। कंस्ट्रक्शन सामग्री को दो दिन में उठवाने के निर्देश दिए। सेक्टर 25 के कचरा डंपिंग स्टेशन को देखकर बोले कि यह शहर के बीच में क्यों है? जवाब मिला कि इसे जल्द शिफ्ट कर रहे हैं। तब उन्होंने कहा, ध्यान रखना। गांव से भी दूर हो। ऐसा स्टेशन बनाओ, जहां पर कचरे का दोबारा इस्तेमाल भी हो सके। नेशनल हाईवे पर चिमनी से काला धुआं निकलते देखकर उसी समय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव नारायणन को फोन कर सील करने के निर्देश दिए। सोनीपत तक पहुंचते-पहुंचते दर्जनों जगहों पर मिट्टी के गुबार देखे। दरअसल, निर्माण कार्य के दौरान कहीं भी पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा था। सोनीपत में उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर को निर्देश दिए कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया पर पांच लाख रुपये जुर्माना लगाकर रिपोर्ट भेजें।तय की 360 किलोमीटर की दूरी
गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुढ़ाना, कैराना,पानीपत का उनका दौरा लगभग 360 किलोमीटर का रहा। सुबह आठ बजे निकले थे और रात आठ बजे लौटे। इस दौरान उनका जिलों में उन हॉटस्पॉट पर फोकस रहा, जहां से प्रदूषण बढ़ने का खतरा रहता है।