पानीपत से अच्‍छी खबर, उद्यमी 1.32 करोड़ जमा कर अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया से मंगा रहे ऑक्‍सीजन

डेढ़ सौ कंसंट्रेटर मंगाए जरूरतमंदों को फ्री उपलब्ध कराएंगे। द पानीपत एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने की है पहल। सुरेंद्र मित्तल ने वाटसएप ग्रुप पर डाला था ये विचार इसके बाद सदस्‍यों ने साथ दिया। अपनी ओर से रुपये पहुंचाने शुरू किए।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 11:58 AM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 11:58 AM (IST)
पानीपत से अच्‍छी खबर, उद्यमी 1.32 करोड़ जमा कर अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया से मंगा रहे ऑक्‍सीजन
पानीपत के उद्यमियों ने कोरोना संकट में मदद को आगे आए।

पानीपत, जेएनएन। पानीपत शहर के उद्यमियों ने कोरोना संक्रमण के संकट मदद की बड़ी पहल की है। द पानीपत एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए दो ही दिन में एक करोड़ 32 लाख 20 हजार एकत्र कर लिए हैं। इस राशि से डेढ़ सौ कंसंट्रेटर मंगाए जाएंगे। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हवा में से ऑक्सीजन को अलग करता है। ये कंसंट्रेटर हवा को अपने अंदर लेता है और दूसरी गैसों को अलग करके शुद्ध ऑक्सीजन सप्लाई करता है।

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कोरोना संक्रमण के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इन खबरों के बीच एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य सुरेंद्र मित्तल ने वाट्सएप ग्रुप पर मदद के लिए आगे आने का संदेश चलाया। अपनी तरफ से 21 लाख रुपये का सहयोग देने का वादा किया। इसी ग्रुप में यह विचार आया कि क्यों न कुछ राशि एकत्र कर ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए जाएं। इस योजना पर सहमति बनने के बाद सदस्यों ने विधायक प्रमोद विज और सांसद संजय भाटिया के साथ बैठक की। संजय भाटिया ने जरूरी औपचारिकताओं को पूरा कराया। इसके बाद अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में आर्डर दे दिए गए हैं। इसी सप्ताह ये सिलेंडर पानीपत पहुंच जाएंगे।

 

एसोसिएशन ही उपलब्ध कराएगी ऑक्सीजन

एसोसिएशन के सदस्यों की एक राय है कि छोटे अस्पतालों तक ऑक्सीजन पहुंचाई जाए। जिन मरीजों को केवल ऑक्सीजन की ही जरूरत है, उनको ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिए जाएं। इस समय घर में आइसोलेट मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही। उनकी स्थिति गंभीर हो रही है। ऐसे मरीजों को भी दिए जा सकते हैं।

सभी ने मिलकर सहयोग किया

मित्तल इंटरनेशनल के निदेशक सुरेंद्र मित्तल ने जागरण को बताया कि उनके एक विचार को सभी सदस्यों ने मान लिया। संकट की इस घड़ी में पानीपत के एक्सपोर्टर्स लोगों के साथ खड़े हैं। विधायक और सांसद ने भी काफी सहयोग किया। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आने पर बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है।

आगे भी सहयोग देंगे

छाबड़ा होम कांसेप्ट्स से रमन छाबड़ा का कहना है कि पानीपत के निर्यातक आगे भी साथ खड़े हैं। विधायक और सांसद से इंजेक्शन को लेकर बात हुई है। सभी फैक्ट्रियों में टीकाकरण कराया जाएगा। इस समय ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत है, इसलिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगाने का फैसला लिया है।

खरीद में आगे रहे सुरेश तायल

एसके इंटरप्राइजिज से सुरेश तायल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद में सबसे आगे रहे। उन्होंने ही अलग-अलग कंपनियों से बात की। खरीद के पूरे प्रोजेक्ट को कोर्डिनेट किया। सुरेश तायल ने बताया कि अस्पतालों का चयन कर रहे हैं। उन्हीं माध्यम से ऑक्सीजन दी जाएगी। जरूरतमंद तक फ्री में ऑक्सीजन पहुंचे, इसकी योजना बनाई जा रही है।

जरूरतमंदों तक पहुंचाएंगे सिलेंडर

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खुद ही ऑक्सीजन बनाते हैं। कोरोना के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। जरूरतमंदों तक सिलेंडर पहुंचाने के लिए योजना बना रहे हैं। निर्यातकों ने सकारात्मक पहल की है। अमेरिका में कंपनी को आर्डर दे दिया गया है। जल्द पानीपत पहुंच जाएंगे।

अस्पतालों, जनप्रतिनिधियों के साथ करेंगे बैठक

द पानीपत एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रधान ललित गोयल ने बताया कि अस्पतालों, जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। सिलेंडर किस तरह आम लोगों तक पहुंचें, इसकी योजना बनाई जाएगी। जरूरतमंद को फ्री ऑक्सीजन मिलेगी। मरीज के ठीक होने पर उसी सिलेंडर को सैनिटाइज कर दूसरे मरीज को उपलब्ध कराएंगे।

ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी थी 

निर्यातकों ने बताया कि पानीपत में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी थी। सभी निर्यातक इसके लिए राशि देने को तैयार थे। लेकिन इस काम में समय काफी लगना था। साथ ही औपचारिकताएं भी बहुत सारी करनी पड़तीं। इसलिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगाने का फैसला लिया है।

रिफिल कराने की जरूरत नहीं

कंसंट्रेटर पूरे समय ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकते हैं। अस्पताल में या होम आइसोलेशन में मरीज को ऑक्सीजन दी जा सकती है। इसे ऑक्सीजन सिलेंडर की तरह रिफिल करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ये खुद गैस का उत्पादन करते हैं। बिजली न होने पर इन्वर्टर पर चला सकते हैं।

चीन से नहीं मंगा रहे

|सुरेश तायल ने बताया कि चीन से कंसंट्रेटर नहीं मंगा रहे। दरअसल, गुणवत्ता वाले ही कंसंट्रेटर मंगाने थे। ज्यादातर पांच लीटर वाले हैं। कुछ दस लीटर वाले भी मंगाए हैं।

इन कंपनियों ने दिया योगदान

मित्तल इंटरनेशनल : 21 लाख

एसके इंटरप्राइजिज : 11 लाख

रिवेरा होम फर्निशिंग : 11 लाख

देवगिरी एक्सपोटर्स : पांच लाख

फेज-थ्री : पांच लाख

जसलीन ओवरसीज : पांच लाख

पीपी इंटरनेशनल : पांच लाख

पैन ओवरसीज : पांच लाख

राज ओवरसीज : पांच लाख

शिव शक्ति एक्सपोटर्स : पांच लाख

सन्नी इंटरनेशनल : पांच लाख

टेक्सटाइल वर्ल्ड : पांच लाख

द शिवालिका रग्स : पांच लाख

क्राउन इंटरनेशनल : ढाई लाख

डेको फ्लोर इंडिया : ढाई लाख

एसपीएन रग्स : ढाई लाख

वीवर्स इंडिया : ढाई लाख

जीडीआर होम फैशंस : ढाई लाख

लिबर्टी इंडिया : ढाई लाख

सरला हैंडीक्राफ्ट : ढाई लाख

सूर्या ओवरसीज : 2.11 लाख

फ्लोर ए मोर : दो लाख

एकेएस रग्स : डेढ़ लाख

मयूर ओवरसीज : डेढ़ लाख

पालीवाल होम फर्निशिंग : डेढ़ लाख

आरकेएच हैंडीक्राफ्ट : डेढ़ लाख

श्याम ओवरसीज : डेढ़ लाख

छाबड़ा होम कांसेप्टस : डेढ़ लाख

साहिब इंटरनेशनल : डेढ़ लाख

ए प्लस ओवरसीज : एक लाख

डिलाइट एंटरप्राइजिज : एक लाख

फ्लोरा इंटरनेशनल : एक लाख

हाई परफोरमेंस टेक्सटाइल : एक लाख

होम क्लासिक : एक लाख

कंसल उद्योग : एक लाख

एलसी इंटरनेशनल : एक लाख

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