पानीपत में डीटीपी का तबादला क्‍या हुआ उद्यमियों के खिल गए चेहरे, फिर से चर्चा में विधायक

डीटीपी के तबादले से विधायक प्रमोद विज एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। भीम सचदेवा की फैक्ट्री तोड़े जाने पर विज ने चेतावनी दी थी कि ऐसे अफसर शहर में रहने नहीं दिए जाएंगे। उद्यमियों ने इसे इंडस्ट्री के लिए बड़ी राहत बताया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 01:46 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 01:46 PM (IST)
पानीपत में डीटीपी का तबादला क्‍या हुआ उद्यमियों के खिल गए चेहरे, फिर से चर्चा में विधायक
उद्यमी अब तो ये कहने लगे हैं कि ऐसे अधिकारी को निलंबित किया जाना चाहिए था।

जेएनएन, पानीपत :  डीटीपी ललित का तबादला हुए दो दिन हो चुके हैं। अब तक शहर के उद्यमी आपस में इसकी खुशी बांट रहे हैं। बैठकें कर रहे हैं। साथ ही विधायक प्रमोद विज का भी आभार जता रहे हैं। एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन से लेकर चैंबर आफ कामर्स पानीपत चैप्टर से जुड़े उद्यमियों ने इसे इंडस्ट्री के लिए बड़ी राहत बताया है। तबादले के साथ ही उद्यमी अब तो ये कहने लगे हैं कि ऐसे अधिकारी को निलंबित किया जाना चाहिए था। डीटीपी के तबादले से विधायक प्रमोद विज एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। भीम सचदेवा की फैक्ट्री तोड़े जाने पर विज ने चेतावनी दी थी कि ऐसे अफसर शहर में रहने नहीं दिए जाएंगे। कई दिन तक कुछ नहीं हुआ तो उद्यमी सोचने लगे थे कि कार्रवाई नहीं होगी। आखिरकार डीटीपी का तबादला हुआ तो विज एक बार फिर चर्चा में आ गए। उद्यमी कहने लगे हैं, विधायक के स्टैंड का असर हुआ है।

इंडस्ट्री को चलाना जरूरी : ललित गोयल

द पानीपत एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रधान ललित गोयल ने जागरण से बातचीत में कहा कि कोविड संकट के समय उद्यमियों को मदद की जरूरत है। दूसरी तरफ कुछ अधिकारी फैक्ट्री तोडऩे में लगे हैं। एक तो डीटीपी ने कार्रवाई की, दूसरी तरफ विधायक प्रमोद विज का फोन नहीं उठाया। क्या अधिकारी खुद को विधायक से भी बड़ा समझने लग गया था। कार्रवाई होनी जरूरी थी। ऐसे अधिकारी को सस्पेंड करना चाहिए था। विधायक ने उद्यमियों का सही साथ दिया।

फैक्ट्रियां ही क्यों नजर आती हैं : श्रीभगवान अग्रवाल

चैंबर आफ कामर्स से जुड़े एवं सेक्टर 29 पार्ट 1 एसोसिएशन के  प्रधान श्रीभगवान अग्रवाल का कहना है कि पहले तो लाकडाउन में काम बंद रहा। धीरे-धीरे जब हालात पटरी पर लौट रहे हैं, उस दौरान तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। शहर में कई जगह अवैध निर्माण हो रहा है, उसे तो डीटीपी ने नहीं देखा, फैक्ट्रियां ही क्यों नजर आती हैं। जिस समय निर्माण हो रहा होता है, उस समय अधिकारी कहां होते हैं। सरकार तो कह रही है कि इंडस्ट्री को बचाना है, विभागीय अधिकारी व्यापार चौपट करने पर तुले हैं। तबादला करना जरूरी था। कार्रवाई देरी से हुई है। ये फैसला तुरंत होना चाहिए था।

विधायक ने साथ दिया : रमन छाबड़ा

छाबड़ा होम कांसेप्ट के निदेशक  रमन छाबड़ा का कहना है कि लगातार इंडस्ट्री पर ही नजर रखी जा रही थी। पूरे जीवन की पूंजी लगाकर तो फैक्ट्री बनाई जाती है और अधिकारी एक मिनट नहीं लगाते उसे तोडऩे में। इस तरह तोडफ़ोड़ से सरकार की छवि भी खराब करने की कोशिश की जा रही थी। उद्यमियों को एकजुट होना होगा। जिस तरह उद्यमियों ने इस तोडफ़ोड़ का विरोध किया, आगे भी इसी तरह एक रहें। विधायक प्रमोद विज ने भी सभी का साथ दिया।

chat bot
आपका साथी