मानसिक तनाव नहीं झेल पा रहे हैं शिक्षित लोग, नहर में कूदकर दे रहे हैं जान

पानीपत में एक के बाद एक नहर में कूदकर जान देने के मामले सामने आ रहे हैं। सबसे चौकाने वाले मामला ये है कि शिक्षित लोग आत्‍महत्‍या के कदम को उठा रहे हैं। छात्र से लेकर शिक्षक तक ऐसे कदम उठा चुके हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 05:37 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 05:37 PM (IST)
मानसिक तनाव नहीं झेल पा रहे हैं शिक्षित लोग, नहर में कूदकर दे रहे हैं जान
नहर में कूदकर आत्‍महत्‍या का मामला सामने आया।

पानीपत, जागरण संवाददाता। शिक्षित लोग मानसिक तनाव को नहीं झेल पा रहे हैं। वे नहर में छलांग लगाकर जान देने पर आमादा हैं। चार महीने में शहर के शिक्षक, छात्रा, व्यवसायी और प्रापर्टी डीलर नहर में छलांग लगाकर जान दे चुके हैं। घटना से पहले उन्होंने बाकायदा स्वजनों को काल कर बताया कि वे नहर में कूदने जा रहे हैं। जब तक स्वजन पहुंचते हैं तब तक देर हो चुकी होती है। नहर पर सिर्फ उनके वाहन खड़े मिलते हैं। इस तरह की घटनाओं से स्वजन भी हैरान हैं। क्योंकि आत्महत्या का ठोस कारण स्वजनों भी पता नहीं होता है। इस बारे में डीएसपी मुख्यालय सतीश कुमार

का कहना है कि हादसे से बचाव के लिए पुलिस युवकों को तो नहर पर नहाने से रोक सकती है। लेकिन जो लोग अचानक नहर में कूदकर आत्महत्या कर लेते हैं। उन्हें कैसे रोका जा सकता है। अगर स्वजनों को लगता है कि उनके परिवार का कोई सदस्य मानसिक रूप से परेशान हैं। उसकी डाक्टर से काउंसलिंग कराएं। खुद भी उनसे तनाव के कारण का पता लगाए। ताकि हादसा होने से रोका जा सके।

ये हो चुकी हैं घटनाएं

-8 मार्च को लिवर कैंसर से पीड़ित प्रापर्टी डीलर अंसल सुशांत सिटी के 48 वर्षीय योगेश मदान की स्कूटी और मोबाइल फोन जाटल रोड बाईपास नहर पर मिला। मदान ने स्वजनों को काल कर बताया था कि वह बीमारी से परेशान है। इसी वजह से नहर में कूदने जा रहा हूं। मदान की स्कूटी नहर पर मिली थी।

-11 जुलाई की सुबह एक निजी स्कूल के संगीत शिक्षक तहसील कैंप के पंकज ने पार्क में सैर करने गए थे। इसके बाद वह घर नहीं लौटे। स्कूटी नहर पर खड़ी मिली। 12 जुलाई को पंकज का शव सोनीपत में नहर में मिला था।

धागा व्यवसायी को ढूंढ रहे हैं गोताखोर

24 जुलाई को सुबह सेक्टर-12 न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी के अर्जुन ने बड़े भाई को काल कर कहा कि वह बहुत परेशान है और बिंझौल नहर में छलांग लगा रहा हूं। 15 मिनट बाद स्वजन नहर पर पहुंचे तो महराणा गांव के पास पुल के पास बाइक खड़ी मिली। बाइक पर ही बैग टंगा हुआ था। उसी में मोबाइल फोन था। अर्जुन नहीं मिला। गोताखोर अर्जुन सिंह की तलाश कर रहे हैं।

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