जींद के इस तालाब में छिपा था दुर्योधन, यहां युवा सीखेंगे तैराकी, त्योहार पर श्रद्धालु लगाएंगे डुबकी

जींद के महाभारतकालीन गांव ईक्कस के एकहंस तीर्थ का जीर्णोद्धार शुरू हो गया है। महाभारत का युद्ध यहीं समाप्त हुआ था। दुर्योधन यहीं आकर छिपा था। यहां स्विमिंग पूल बनाया जा रहा है। युवा तैराकी सीखेंगे। साथ ही श्रद्धालु इसमें डुबकी लगाएंगे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 05:41 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 05:41 PM (IST)
जींद के इस तालाब में छिपा था दुर्योधन, यहां युवा सीखेंगे तैराकी, त्योहार पर श्रद्धालु लगाएंगे डुबकी
जींद के एकहंस तीर्थ के जीर्णोद्धार के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने दो साल पहले दो करोड़ रुपये दिए थे।

जींद, जेएनएन। महाभारतकालीन ऐतिहासिक गांव ईक्कस के एकहंस तीर्थ के दिन बहुरने वाले हैं। अब इस तीर्थ के चारों तरफ पगडंडी बनाई जाएगी। श्रद्धालुओं के स्नान करने के लिए घाट बनाए जाएंगे। स्विमिंग पूल भी बनाया जाएगा। इस तरणताल में गांव के युवा तैराकी सीख सकेंगे। त्याेहार के समय श्रद्धालु इसमें डुबकी लगा सकेंगे। महाभारत युद्ध के समय दुर्योधन इसी तीर्थ में आकर छिपा था। यहीं पर दुर्योधन वध के बाद युद्ध समाप्त हुआ था।

गांव के निवर्तमान सरपंच हरपाल ढुल ने सोमवार को तालाब में निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। हरपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने दो साल पहले गांव के तीर्थ का दौरा किया था। तब उन्होंने दो करोड़ रुपये तीर्थ के जीर्णोद्धार के लिए देने की घोषणा की थी। अब वह पैसे आ चुके हैं और पूरा प्रोजेक्ट भी बनकर तैयार हो चुका है। पंचायती राज विभाग ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है।

गांव के पशुओं को पानी पिलाया जाता है

हरपाल बताते हैं कि एकहंस तीर्थ को ढूंढू जोहड़ या तालाब भी कहा जाता है। अभी इसमें गांव के पशुओं को पानी पिलाया जाता है। अब इस तीर्थ के दो हिस्से किए जाएंगे। एक हिस्से में गांव के लाेग पशुओं को पानी पिला सकेंगे और दूसरे हिस्से में स्विमिंग पुल व तीर्थ बनाया जाएगा। तीर्थ में महिला और पुरुषों के स्नान के लिए अलग-अलग घाट बनाए जाएंगे। यहां रास्ते को पक्का किया जाएगा और चेंजिंग रूम भी बनाए जाएंगे। पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।

तैयारी के खिलाड़ियों को जाना पड़ता है जींद

हरपाल ने बताया कि हर महीने स्विमिंग पूल का पानी पशुओं वाले जोहड़ में डालते रहेंगे और इसमें नया पानी डाला जाएगा। तैराकी के खिलाड़ियों को ईक्कस या जींद में स्विमिंग पूल में जाना पड़ता है। अब गांव में ही उन्हें यह सुविधा मिलेगी तो अच्छे तैराक निकलेंगे। हरपाल बताते हैं कि ईक्कस गांव के कई युवा तैराकी में राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत चुके हैं। इसलिए अब तीर्थ व स्विमिंग पूल को एक साथ बनाने का फैसला लिया है। 

यह है एकहंस तीर्थ का महत्व

ईक्कस गांव स्थित एकहंस तीर्थ की मान्यता है कि महाभारत के युद्ध में दुर्योधन ने भीम से बचने के लिए इसी तीर्थ में जल समाधि ली थी। दुर्योधन को ढूंढते हुए पांडव यहां आए थे और यहीं पर दुर्योद्धन का वध किया था। इसी कारण इसे ढूंढू तीर्थ भी कहा जाता है। दुर्योधन के वध के बाद यहीं पर महाभारत का युद्ध समाप्त हो गया था। इसके बाद पांडवों ने ईक्कस से थोड़ी दूर पूर्व में स्थित पिंडारा में अपने पूर्वजों का पिंडदान किया था। यहां पिंडदान के लिए पांडवों ने 12 साल तक सोमवती अमावस्या का इंतजार किया था।

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