खरीद न होने से मंडियां धान से अटीं, किसानों को दिन-रात देना पड़ रहा पहरा

जिले की अनाज मंडियां धान से अट गई हैं। धान का उठान व बारदाने का भी संकट है। मंडियों में सबसे ज्यादा दिक्कत पीआर धान लेकर आने वाले किसानों को दिक्कत हो रही है। पानीपत मंडी में सात हजार क्विटंल धान की खरीद नहीं हुई है। बारदाने का भी संकट है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 09:32 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 09:32 PM (IST)
खरीद न होने से मंडियां धान से अटीं, किसानों को दिन-रात देना पड़ रहा पहरा
खरीद न होने से मंडियां धान से अटीं, किसानों को दिन-रात देना पड़ रहा पहरा

जागरण संवाददाता, पानीपत : जिले की अनाज मंडियां धान से अट गई हैं। धान का उठान व बारदाने का भी संकट है। मंडियों में सबसे ज्यादा दिक्कत पीआर धान लेकर आने वाले किसानों को दिक्कत हो रही है। पानीपत मंडी में सात हजार क्विटंल धान की खरीद नहीं हुई है। बारदाने का भी संकट है।

समालखा मंडी में सात हजार क्लिटंल धान पड़ा, लेकिन खरीद नहीं हो पाई है। इसी तरह से सनौली अनाज मंडी चार दिन से धान की बोली नहीं लग पा रही है। मतलौडा अनाज मंडी में सात दिन से पीआर धान की खरीद नहीं हो पाई है। धान में नमी बताकर भी खरीद नहीं का जा रही है। किसान धान सूखा रहे हैं और दिन-रात पहरा दे रहे हैं। बाबरपुर मंडी में दो दिन से पीआर धान की खरीद नहीं हो पाई। धान की भी उठान नहीं हो रहा है। मंडी में एक ही मिलर है। परेशान किसान रविवार को जजपा के संगठन सचिव देवेंद्र कादियान के निवास पर सेक्टर-11 पहुंचे। डीसी सुशील सारवान और देवेंद्र कादियान ने मंडी का निरीक्षण किया। डीसी सारवान ने लिफ्टिग ठेकेदार को फोन करके आदेश दिया कि जल्द धान की उठान करे। हैफेड डीएम और सेकेटरी को आदेश दिया कि धान की खरीद की जाए। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार से बात कर दूसरे मिलर का प्रबंध कर धान की खरीद कराई जाएगी। किस मंडी के क्या हैं हालात

पानीपत : वेयर हाउस में नई अनाज मंडी में 2000 क्विटल की पीआर धान की खरीद की गई। पिछले दो दिनों में 13 हजार क्विटल से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। सात हजार क्विटल धान अभी खरीद के इंतजार में है। मंडी आढ़तियों ने बताया कि बारदाने की समस्या चल रही है। खाद्य आपूर्ति विभाग (एफसीआई) एक दिन बाद बारदाना उपलब्ध करवा रहा है। आढ़ती वेद गोयल ने बताया कि पानी की आपूर्ति नहीं मिल रही है। जिन दुकानदारों ने सब-मर्सीबल पंप लगवाया हुआ है उनसे काम चलाया जा रहा है।

-मार्केट कमेटी के सचिव एनके मान ने बताया कि मंडी में सभी सुविधाएं उपलब्ध है। किसान साफ सुखाया हुआ धान ही लाएं। 17 फीसद नमी तक का धान खरीदा जा रहा है। समालखा : करीब 1.5 लाख क्विटल 1509 की आवक है। इसकी खरीद निजी मिलर्स द्वारा की जा रही है। पीआर की 22 हजार क्विटल आवक में 15 हजार की खरीद हैफेड द्वारा की गई है। सात हजार क्विटल को अभी भी खरीद का इंतजार है। नमी और सफाई की वजह से इनकी खरीद नहीं हो सकी है। लिफ्टिग भी शुरू नहीं हो सकी है। बारदाने की कमी नहीं है। सोनीपत के पुरखास गांव के किसान राजेश कुमार व राजेश दहिया और गन्नौर के महा सिंह ने बताया कि एक सप्ताह पहले मंडी में पीआर धान लेकर आए थे। उसी दिन से सुखाने और सफाई करने में लगे हैं। उनके ढाई सौ क्विटल धान की खरीद नहीं हो रही है। खाने और मजदूरों से सफाई करवाने पर उनके हजारों रुपये खर्च हो चुके हैं।

-हैफेड के इंस्पेक्टर संजय कुमार कहते हैं कि करीब 15 हजार क्विटल की खरीद हो चुकी है। सात हजार के करीब धान शेष बचा है। मानक पूरा करते ही इसकी खरीद कर ली जाएगी। मतलौडा : 15500 क्विटल पीआर धान की खरीद हो चुकी है। धान का उठान शुरू नहीं हो पाया। इसी वजह से धान की बोरियां मंडी में पड़ी है। मार्केट कमेटी ने मंडी के गेट दो और चार को बंद दिया था। इससे किसानों कों दिक्कत हो रही थी। स्ट्रीट लाइट भी बंद हैं। इससे भी किसान दुखी हैं। मतलौडा अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान विजय छाबड़ा ने बताया कि एसोसिएशन के विरोध के बाद ही मार्केट कमेटी ने दोनों गेटों को खोला। तभी किसान मंडी में धान लेकर पहुंचे।

-मतलौडा मार्केट कमेटी के सचिव अनिल दीक्षित ने बताया कि खरीदी गई धान को करनाल व अंबाला के मिल में भेजा जाएगा। सोमवार से उठान का कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। सनौली-बापौली : मंडी में 15 हजार क्विटंल में से 500 क्विटंल धान की खरीद हुई। चार दिन से हैफेड धान की खरीद नहीं कर रही है। किसान मंडी में ही धान सूखा रहे हैं। मंडी में चारों तरफ धान बिखरा पड़ा है। किसानों को असुविधा हो रही है।

-हैफेड के मैनेजर प्र?वीन कुमार व सुशील कुमार खरीदार ने मंडी का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि धान सूखने के बाद खरीदार की जाएगी।

इसराना : मंडी में हैफेड द्वारा अभी तक 2493 क्विटंल धान की खरीदारी की गई है। किसानों के गेट पास तो कट गए, लेकिन रविवार को धान की खरीद न हो रही है। किसान इधर-उधर चक्कर लगाने पर मजबूर हैं।

-हैफेड के प्रतिनिधि रमेश ढांडा और मार्केट कमेटी सचिव सुरेश कुमार ने धान की नमी जांची। उन्होंने किसानों का आश्वासन दिया कि धान के सूखने पर खरीद कर ली जाएगी।

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