डीएसपी अहलावत ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई

जागरण संवाददाता, पानीपत : एचपीसीएल (हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड) के साथ सात करोड़ रुपये से ज्यादा की रसोई गैस में धोखाधड़ी करने के मामले में मुख्य आरोपित महिला की एक घंटे में ही जमानत मिलने में फंसे समालखा के तत्कालीन डीएसपी नरेश अहलावत ने एडीजे की कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 04:08 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 02:57 AM (IST)
डीएसपी अहलावत ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई
डीएसपी अहलावत ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई

जागरण संवाददाता, पानीपत : एचपीसीएल (हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड) के साथ सात करोड़ रुपये से ज्यादा की रसोई गैस में धोखाधड़ी करने के मामले में मुख्य आरोपित महिला की एक घंटे में ही जमानत मिलने में फंसे समालखा के तत्कालीन डीएसपी नरेश अहलावत ने एडीजे की कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर कर दी है। बचाव पक्ष के 15-16 वकीलों के दल ने कोर्ट में करीब पौने दो घंटे तक तर्क वितर्क किया। कोर्ट ने दोनों पक्ष के वकीलों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। वे मंगलवार को अग्रिम जमानत पर अपना फैसला देंगे।

एडीजे पीके लाल की कोर्ट में बचाव पक्ष के वकीलों की अगुवाई करते हुए शेर ¨सह खर्ब, पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल जसबीर राठी और अन्य वकीलों ने बताया कि डीएसपी नरेश अहलावत को एक साजिश के तहत इस मामले में फंसाया गया है। यह पूरी तरह से झूठ का पु¨लदा है। उनका (डीएसपी अहलावत) धोखाधड़ी के मामले में किसी तरह का हाथ नहीं है। आरोपित महिला को कोर्ट में पेश करना विभागीय कार्रवाई का हिस्सा है। पुलिस विभाग का एक वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में अपनी शक्तियों का गलत तरीके से प्रयोग कर रहा है। वहीं सरकारी वकील ने इस मामले में अपनी दलील पेश की। कोर्ट में करीब पौने दो घंटे तक आरोप-प्रत्यारोप का जमकर दौर चला। एसपी करनाल की तरफ से एक डीएसपी समेत उनकी टीम ने इस मामले में अपनी पूरी रिपोर्ट पेश की।

एडीपीजी की जांच के विरुद्ध सरकार को लिखा

डीएसपी नरेश अहलावत के पक्ष में बचाव पक्ष कोर्ट में दलील देने के साथ सरकार को भी पत्र लिखा है। उन्होंने सरकार से इस मामले में डीजीपी स्तर के अधिकारी से जांच कराने की मांग रखी है। उनकी दलील है कि करनाल रेंज में उनकी जांच प्रभावित हो सकती है। विदित है कि एडीजीपी नवदीप विर्क ने डीएसपी नरेश अहलावत पर पानीपत के थाना मॉडल टाउन में दर्ज मुकदमें की जांच एसपी करनाल को सौंपी थी। हम बता दें कि डीएसपी नरेश अहलावत का गत दिनों ही समालखा से मधुबन पुलिस अकादमी स्थित सेकंड बटालियन में तबादला कर दिया था।

मीडिया के माध्यम अपनी बात रखने की भी मांगी परमिशन

डीएसपी नरेश अहलावत ने सरकार को पत्र लिखकर इस मामले में मीडिया के माध्यम अपनी बात रखने की परमिशन मांगी है। बचाव पक्ष का कहना है कि जनता को सच्चाई का पता होना चाहिए। इस मामले में फिलहाल एक पक्ष ही आगे चल रहा है। जबकि दूसरे पक्ष को भी अपनी बात रखने का अधिकार है।

पट्टीकल्याणा के पास 410 एकड़ जमीन

समालखा के अंतर्गत गांव पट्टीकल्याणा में 410 एकड़ जमीन पुलिस अधिकारियों की लड़ाई का कारण बताया जा रहा है। समालखा समेत शहर में इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। यह जमीन एक कंपनी के नाम है। कुछ इसमें अपना शेयर बता रहे थे। वे जिला मुख्यालय पर भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं।

पहले तीनों थानों की शक्तियां वापस ली, फिर हुआ मुकदमा

डीएसपी नरेश अहलावत के पास समालखा के अंतर्गत आने वाले तीन थानों का चार्ज था। एडीजीपी नवदीप विर्क ने रक्षाबंधन के दिन हथवाला में एक लड़की के साथ छेड़छाड़ के मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर उनसे शक्तियां वापस ले ली थी। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए भी पत्र लिख दिया था। हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरशेन लिमिटेड के सीनियर रिजनल मैनेजर संजय कौशिक ने 28 जुलाई 2010 में थाना मॉडल टाउन पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने जाटल रोड स्थित कृष्णा गैस एजेंसी के मालिक नीतिन शर्मा सात करोड़ से ज्यादा की गैस लेकर पैसे न देने के आरोप लगाए थे। इस मामले में उनके साथ प्रवीण पुष्कर, राजीव पुरी और सतकरतार कॉलोनी निवासी पूनम पूरी शामिल थी। यह मामला जेएमआइसी मुकेश कुमार की कोर्ट में विचारधीन है। नीतिन को दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी, प्रवीण और राजीव पूरी को छह महीने जेल में रहने के बाद हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। इस मामले में पूनम पूरी को 10 अक्टूबर 2016 को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया था। नीतिन शर्मा ने इसके बाद 4 मई 2018 को करनाल रेंज के एडीजीपी नवदीप विर्क को शिकायत दी थी। उसने दावा किया कि मैनेजर संजय कौशिक की शिकायत में पूनम पूरी इस मामले में मुख्य आरोपित है। उनका आरोप है कि पूनम पूरी को एक घंटे में ही जमानत मिल गई। उससे इस मामले में बारीकी से पूछताछ नहीं की गई। ---जगमहेंद्र---

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