कोविड वैक्सीन में इंटरनेट बन सकता है बाधा, ये क्षेत्र स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी का सबब
कोरोना वैक्सीन की पूरी प्रक्रिया में सबसे जरूरी इंटरनेट है क्योंकि पूरा कार्य मोबाइल में कोविन एप पर होगा। इस एप पर ही वैक्सीनेशन कराने वाले कर्मचारी का नाम दर्ज होगा और यही से उसकी पहचान कर वैक्सीनेशन के लिए स्वीकृति मिलेगी।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। इस समय स्वास्थ्य विभाग कोरोना वैक्सीन को लेकर तैयारियों में जुटा है। यहां पर भारत में बनी कोविड वैक्सीन ही आएगी। इसके लिए चार से आठ डिग्री तक का तापमान चाहिए। इसलिए ही यह व्यवस्था पुरानी बिल्डिंग में की है। जहां पर कोल्ड चेन स्थापित की गई है। पूरी प्रक्रिया में मोबाइल इंटरनेट बेहद जरूरी है। देहात के कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट न होने की वजह से दिक्कत आ सकती है।
ड्राई रन में तैयारियों को परखा
गुरुवार को चले ड्राई रन में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियों को परखा। तीन केंद्र शहरी व तीन केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में बनाए गए थे। इन पर ड्राई रन के दौरान 25-25 कर्मियों को शामिल किया गया। इस ड्राई रन के दौरान पूरी प्रक्रिया इस तरह से की गई। जैसे वैक्सीनेशन के दौरान होगी। फिलहाल ड्राई रन सफल रहा।
इंटरनेट की आ सकती है दिक्कत
कोरोना वैक्सीन की पूरी प्रक्रिया में सबसे जरूरी इंटरनेट है, क्योंकि पूरा कार्य मोबाइल में कोविन एप पर होगा। इस एप पर ही वैक्सीनेशन कराने वाले कर्मचारी का नाम दर्ज होगा और यही से उसकी पहचान कर वैक्सीनेशन के लिए स्वीकृति मिलेगी। ऐसे में प्रतापनगर, छछरौली समेत देहात के केंद्रों पर इंटरनेट की दिक्कत आ सकती है
प्रथम चरण में करीब आठ हजार को लगेगी वैक्सीन
प्रथम चरण में करीब आठ हजार कर्मियों को वैक्सीन लगेगी। इन सभी कर्मियों का डाटा कोविन पोर्टल पर अपलोड किया गया है। इसके साथ ही यह एप कर्मियों के मोबाइल में भी डाउनलोड होगा। इस एप भी कर्मियों का पूरा डाटा रहेगा।
इंटरनेट की व्यवस्था की जाएगी ः सिविल सर्जन
यमुनानगर के सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने बताया कि कोविड वैक्सीन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके लिए इंटरनेट जरूरी है। जिन क्षेत्रों में इंटरनेट की दिक्कत है, उनका पता लगाया जा रहा है। वहां पर इंटरनेट की व्यवस्था की जाएगी। वैक्सीन को लेकर हम पूरी तरह से तैयार हैं।