पानीपत में सनसनी, नशे में कामगार ने फंदा लगाया, हाथ में लिखे थे दो महिलाओं के नाम
पानीपत की परशुराम कॉलोनी में आत्महत्या। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव फंदे से उतारा। पति से झगड़ा कर आई ममेरे भाई की पत्नी व साली को बड़े भाई के विरोध के बाद कमरा दिलवा दिया था। उन्हीं के साथ रह रहा था।
जागरण संवाददाता, पानीपत। परशुराम कालोनी में रविवार रात को कामगार ने नशे में संदिग्ध हालात में फंदा लगा लिया। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से नीचे उतारा। मृतक के हाथ पर दो महिलाओं के नाम गुदे थे। मृतक के बड़े भाई ने आरोप लगाया है कि डेढ़ महीने से ममेरे भाई की पत्नी व साली, भाई के कमरे में रह रही थी। इन दोनों की वजह से भाई ने फंदा लगाया है।
उत्तर प्रदेश के जिला हरदोई के कुल्ही गांव के आलोक ने जागरण को बताया कि वह पत्नी व बेटे के साथ दीनानाथ कालोनी में किराये पर रहता है। फैक्ट्री में काम करता है। चार भाई व एक बहन में चौथे नंबर का भाई पांचवीं पास 22 वर्षीय विशाल पांच महीने पहले गांव से आया था। उनके पास रहता था। विशाल अलीपुर गांव के पास फैक्ट्री में काम करता था। उत्तर प्रदेश के जिला सीतापुर के करौडिया निवासी ममेरे भाई प्रदीप से उसकी पत्नी सोनम झगड़ा करके छोटी बहन राधा के साथ दीनानाथ कालोनी में आ गई। उसने दोनों को घर लौट जाने को बोल दिया था। विशाल ने दोनों को परशुराम कालोनी में किराये पर कमरा दिला दिया। उनके साथ रहने लगा। तभी से उसने भाई से किनारा कर लिया था।
आलोक ने बताया कि सोमवार सुबह वह फैक्ट्री से घर लौटा तो सोनम ने कॉल कर बताया कि विशाल ने फंदा लगाकर जान दे दी है। वह मौके पर पहुंचा तो शव को सामान्य अस्पताल में लाया जा चुका था। सोनम व उनकी बहन के कारण ही उसके भाई ने जान दी है।
फंदे से उतारा विक्रम का शव
मामले की जांच कर रहे किला थाने के हवलदार सतीश कुमार ने बताया कि परशुराम कालोनी के मकान मालिक विशाल ने काल कर बताया कि किरायेदार विशाल ने फंदा लगा लिया है। उन्होंने रोशनदान से झांक कर देखा तो विशाल ने पंखे से चुन्नी से फंदा लगा रखा था। दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकला। सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव को स्वजनों को सौंप दिया है। आलोक ने बयान दिए हैं कि विशाल मानसिक रूप से परेशान था। इसी वजह से आत्महत्या कर ली है। फिलहाल धारा 174 के तहत कार्रवाई की है।
पति ने पीटकर घर से निकाल दिया, विशाल ने दिया था आश्रय
सोनम ने बताया कि तीन साल पहले उसकी शादी प्रदीप के साथ हुई थी। पति दहेज में बाइक की मांग करता था। मांग पूरी नहीं की तो पति ने पिटाई कर घर से निकाल दिया। मायके में लखीनपुर खीरी के बहुआ गांव गई तो मां शिवरानी ने अपने साथ रखने से मना कर दिया। पिता गयाप्रसाद ने मदद करने का प्रयास किया तो मां ने उनको भी पीट दिया। उनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं था। विशाल उनके पति के फुफेरे भाई हैं। विशाल उनके ससुराल की पड़ोस की महिला से प्रेम करता था। वह दोनों की फोन से बात करा देती थी। विशाल ने एक युवती व एक बेटे की मां के नाम अपने हाथ पर भी गुदवा रखे थे। वह मदद की आस में बहन के साथ विशाल के पास आ गई। विशाल ने आश्रय दिया।
रात को शराब पीकर आया था, सुबह फंदे पर लटका मिला शव
रविवार रात को विशाल शराब पीकर आया था और बोतल भी साथ लाया था। खाना खाकर वह बहन के साथ छत पर सो गई, जबकि विशाल कमरे में सो गया। सोमवार सुबह नीचे चाय बनाने के लिए आई तो विशाल ने अंदर से कमरे की कुंडी बंद थी। ड्रम पर चढ़कर रोशनदान से झांक कर देखा तो विशाल ने फंदा लगा रखा था। मकान मालिक को बुलाकर लाई। आलोक को काल कर घटना की जानकारी दी। उनकी वजह से विशाल नहीं मरा है।
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