ई-रिक्शा का चार्जर हटाते समय करंट लगने से चालक की मौत
वधावाराम कालोनी में बुधवार सुबह घर पर ई-रिक्शा को चार्जिंग से हटाते समय चालक की करंट लगने से मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, पानीपत : वधावाराम कालोनी में बुधवार सुबह घर पर ई-रिक्शा को चार्जिंग से हटाते समय चालक की करंट लगने से मौत हो गई। अब पत्नी और चार बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।
करनाल के रामनगर का रहने वाला 42 वर्षीय तेजपाल अपने परिवार के साथ 30 साल से वधावाराम कालोनी में रहता था। वह शहर में ई-रिक्शा चलाता था। पड़ोसी ने बताया कि रोजाना की तरह उसने मंगलवार रात को घर पहुंचकर ई-रिक्शा को चार्जिंग पर लगा दिया। बुधवार सुबह चार्जर हटाते समय करंट लगने के काफी देर तक तेजपाल पड़ा रहा। करंट इतना जोर से लगा कि उसकी चीख भी नहीं निकल पाई। कुछ देर बाद उसका बेटा वहां से गुजरा तो पिता को बेसुध देखा। सामान्य अस्पताल में डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
छीन गया घर का सहारा
तेजपाल के परिवार में पत्नी के अलावा 18 वर्षीय साक्षी, 16 वर्षीय की बेटी तन्नू, 15 वर्षीय बेटा सत्यम और 12 वर्षीय का बेटा शिवम है। तेजपाल पर ही पोषण की जिम्मेदारी थी। उनके मौत से घर का सहारा छीन गया।
करंट लगने श्रमिक की मौत
संवाद सूत्र, इसराना :
इसराना क्षेत्र के गांव परढ़ाना स्थित गोल्डन टैक्सो फैब प्राइवेट लिमिटेड फैक्टरी में काम करते समय करंट लगने से प्रवासी मजदूर की मौत हो गई। बिहार के सिवान जिला गांव गतोली का रहने वाला 22 वर्षीय राजेश पुत्र बिद्रा फैक्टरी में मंगलवार रात करीब 12 बजे मशीन पर काम कर रहा था। इस बीच उसे करंट का झटका लगा तो वह गिरकर तड़पने लगा।
मौके पर मौजूद मजदूरों का कहना है कि वह करीब घंटे भर तक तड़पता रहा, मालिकों ने उसे अस्पताल ले जाने का प्रबंध नहीं किया। और उसके बावजूद भी दुबारा मशीनें शुरू करने की कहा गया। मशीनों में बार बार करंट आने की सूचना मालिक को दी गई, लेकिन प्रबंधन खानापूर्ति करती रही। फैक्ट्री के प्रबंधन की कमी के कारण युवक की मौत हुई। पानीपत के सरकारी अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद गुस्साए मजदूरों ने काम बंद कर दिया और फैक्ट्री के बाहर बैठ गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा 174 की कार्रवाई करते हुए परिजनों को सौंप दिया।