हरियाणा में दहेज की भूख से बढ़ रही रिश्‍तों में तकरार, जानिए क्‍या कहते हैं ये आंकड़े

हरियाणा के अंबाला यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में शादी के बाद 1576 विवाहिताओं को ससुराल की प्रताड़ना झेलनी पड़ी। अंबाला यमुनानगर और कुरुक्षेत्र के थानों में दर्ज हो रहे दहेज उत्पीड़न के मामले। जानिए कहां-कहां कितने मामले सामने आ चुके हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 09:02 AM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 09:02 AM (IST)
हरियाणा में दहेज की भूख से बढ़ रही रिश्‍तों में तकरार, जानिए क्‍या कहते हैं ये आंकड़े
दहेज उत्‍पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे।

अंबाला, जेएनएन। दहेज लेना और देना दोनों ही कानून अपराध है। मगर इसके बाद भी दहेज प्रथा बंद नहीं हुई, बल्कि यह क्रेज पहले से और ज्यादा बढ़ गया है। वहीं अगर अंबाला, यमुनागनर और कुरुक्षेत्र तीनों जिलों की बात करें तो शादी के बाद 1576 विवाहिताएं ऐसी रही जिन्हें दहेज की मांग को लेकर ससुराल की प्रताड़ना झेलनी पड़ी। यह आंकड़ा 2019 व 2020 का है जो पुलिस की फाइलों में दर्ज है। हालांकि तकरीबन सभी मामलों में तीनों जिलों की पुलिस ने अच्छा वर्क आउट किया है, इनमें पांच मामले अभी ऐसे हैं जो अनसुलझे जिनमें पुलिस की तफ्तीश चल रही है। वहीं आंकड़ों के मुताबिक विवाहिताओं पर दहेज प्रताड़ना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बता दें मामलों में पुलिस की तरफ से ज्यादातार दोनों पक्षों में समझौता करवाने की कवायद रहती है। 

2019 व 2020 में दर्ज हुए मामले 

जिला 2019 2020

अंबाला 256 258

यमुनानगर 238 243

कुरुक्षेत्र 296 285

दर्ज मामलों में पुलिस का वर्कआउट

जिला 2019 2020

अंबाला 251 258

यमुनानगर 238 243

कुरुक्षेत्र 296 285

कानूनी शिकंजे कमजोर

बता दें दहेज कोई नई प्रथा नहीं है, लेकिन युगों से यह चलती आ रही। इसका प्रभाव भारतीय समाज में ऐसा है कि कोई इसे कम करने के लिए प्रयास कर सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता है। दहेज प्रथा पर रोक लगाने के लिए कई कानून बनाए गए हैं, लेकिन दहेज प्रथा के दायरे से कानूनी शिकंजे कमजोर हैं।  

ऐसे दर्ज होती है दहेज की एफआइआर 

बता दें दहेज की एफआइआर करवाने के लिए शिकायत पुलिस थाना या फिर सीधा महिला वूमेन सेल में भी दी जाती है। अगर शिकायत संबंधित पुलिस स्टेशन में देते हैं तो भी शिकायत वूमेन सैल में जाती है। वहां पर पहले चरण में दोनों पक्षो में समझौता करवाने की प्रक्रिया चलती है। अगर समझौता नहीं होता तो पुलिस मामले में एफआइआर दर्ज कर लेती है। इसके बाद मामला कोर्ट में चला जाता है, वहां से कोर्ट की प्रक्रिया शुरू होती है।

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