कोरोना काल में आपके काम की खबर, फेफड़ों के लिए सैनिटाइजर का काम करता है भाप, डॉक्टर्स ने भी माना
कोरोना से फेफड़ों को बचाने के लिए विशेषज्ञ भाप को फायदेमंद मान रहे हैं। उनका मानना है कि वायरस भाप लेने से निष्क्रिय हो जाता है। रोज भाप लेकर फेफड़ों को इतना मजबूत बनाया जा सकता है कि वे कोरोना महामारी का सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं।
अंबाला, जेएनएन। घातक वार करने वाले कोरोना वायरस से फेफड़े को बचाने के लिए भाप को सैनिटाइजर माना जा रहा है। चिकित्सकों की राय है कि फेफड़े से शुरू होना वाला कोरोना वायरस भाप लेने से निष्क्रिय हो जाता है। नागरिक अस्पताल के चिकित्सक और कोविड के इंचार्ज का मानना है कि महामारी का स्वरूप बड़ा होता जा रहा है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति खुद को बचाना चाहता है।
लोग कोरोना वायरस से बचने के लिए तरह-तरह के तरीकों को अपनाने के लिए तैयार हैं। रोज भाप लेकर फेफड़ों को इतना मजबूत बनाया जा सकता है कि वे कोरोना महामारी का सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं। डा. शीलकांत का मानना है कि कोरोना से बचने के लिए वैज्ञानिक शुरू से भाप लेने की सलाह दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि अभी एक ताजा रिपोर्ट में थर्मल इनएक्टीवेशन आफ सोर्स कोविड वायरस पर शोध किया गया। यह शोध कोरोना संक्रमितों के लिए उम्मीद जगाने वाला साबित हुआ है। इसमें भाप को कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने का कारगर उपचार माना गया है।
रोजाना भाप लेने के हैं अनेक फायदे
वे बताते हैं कि रोजाना भाप लेने से खांसी व बंद नाक में भी राहत महसूस होती है। यह जमा बलगम को पिघला देती है। भाप श्वांस नलियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। साथ ही नाक व गले में जमा म्यूकस को पतला कर देता है। इससे सांस लेने में आसानी महसूस होती है। पर्याप्त आक्सीजन फेफड़ों तक पहुंचने से वह स्वस्थ रहते हैं।
पानी में ये चीजें मिला सकते हैं
डा. पजनी ने कहा कि भाप लेने से पहले सादे पानी के साथ या इसमें विक्स, संतरे व नींबू के छिलके, लहसुन, टी ट्री आयल, अदरक, नीम की पत्तियां मिला सकते हैं। यह सभी मिलकर एंटीमाइक्रोबियल हो जाते हैं जो वायरस को कमजोर करने में मदद करते हैं।
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