Diwali 2021: दीपावली पर फूलों के बाजार में भी आई बहार, मौजूद हैं ये वैरायटी, देखें तस्वीरें

कैथल में फूलों का बाजार सज चुका है। बता दें कि दीपावली पर्व पर अपने घरों व प्रतिष्ठानों को सजाने के लिए भारी मात्रा में फूलों की भी खरीदारी करते हैं। छोटी दीपावली को शाम के समय ही बाजार में भीड़ जुटती है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Wed, 03 Nov 2021 03:38 PM (IST) Updated:Wed, 03 Nov 2021 03:38 PM (IST)
Diwali 2021: दीपावली पर फूलों के बाजार में भी आई बहार, मौजूद हैं ये वैरायटी, देखें तस्वीरें
कैथल के हिंद सिनेमा के समीप स्थित महर्षि वाल्मीकि चौक पर सजा फूलों का बाजार।

कैथल, जागरण संवाददाता। दीपावली पर फूलों के बाजार में भी बहार आई है। हालांकि इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा दाम में बढ़ोतरी हुई है। गेंदा के फूल 150 रुपये प्रति किलो तो कमल का फूल मिल रहा 50 रुपये का बिक रहा है। शहर के हिंद सिनेमा के समीप स्थित महर्षि वाल्मीकि चौक पर फूलों का बाजार सज चुका है। बता दें कि दीपावली पर्व पर अपने घरों व प्रतिष्ठानों को सजाने के लिए भारी मात्रा में फूलों की भी खरीदारी करते हैं। छोटी दीपावली को शाम के समय ही बाजार में भीड़ जुटती है। जबकि बड़ी दीपावली के दिन सुबह से फूलों की बिक्री शुरू हो जाती है। इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा फूलों का भी कारोबार काफी अच्छा है।

फूलों में भी 40 प्रतिशत तक बढ़े दाम

फूल विक्रेता अनिल मित्तल ने बताया कि इस बार फूलों के दाम में पिछले वर्ष की अपेक्षा 40 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई है। मित्तल ने बताया कि पिछले वर्ष गेंदा के फूलों का भाव 100 से 120 रुपये प्रतिकिलो है। जो इस बार बढ़कर 150 से 180 रुपये तक वैरायटी के हिसाब से बिक रहा है। इसी प्रकार से कमल के फूल का भी दाम बढ़ा है। दाम बढ़ने से जहां व्यापारियों को इसका फायदा मिल रहा है। तो वहीं ग्राहकों को जेब ढीली करनी पड़ रही है।


इन इलाकों में होती है फूलों की खेती

पिछले वर्ष एक फूल का दाम 30 रुपये था, जो अब 50 रुपये है। कमी रहने पर कई दुकानदार इसे 70 से 80 रुपये के दाम भी बेचते हैं। मित्तल ने बताया कि फूलों की खेती दिल्ली से सटे सोनीपत, कुरुक्षेत्र, अंबाला और जींद के कुछ इलाकों में होती है। कोरोना महामारी के कारण यहां पर लोगों ने खेती करना बंद कर दिया था। उस समय लाकडाउन लगने के बाद से खेतों में खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाया था। इसके बाद पिछले वर्ष ही खेती दोबारा शुरू की है।

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