डीएसआर मशीन से करें धान की सीधी बिजाई, पानी के साथ बचेगा खर्च

किसानों ने धान की रोपाई को लेकर खेत तैयार करने के साथ पौध लगानी शुरू कर दी है। वहीं कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने भी सीधी बिजाई के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है ताकि गिरते भू जल स्तर को बचाने के साथ किसानों के खर्च को कम किया जा सके।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 06:53 AM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 06:53 AM (IST)
डीएसआर मशीन से करें धान की सीधी बिजाई, पानी के साथ बचेगा खर्च
डीएसआर मशीन से करें धान की सीधी बिजाई, पानी के साथ बचेगा खर्च

जागरण संवाददाता, पानीपत : किसानों ने धान की रोपाई को लेकर खेत तैयार करने के साथ पौध लगानी शुरू कर दी है। वहीं कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने भी सीधी बिजाई के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है ताकि गिरते भू जल स्तर को बचाने के साथ किसानों के खर्च को कम किया जा सके। पानीपत जिले में करीब एक हजार हेक्टेयर में धान की सीधी बिजाई होती है। इस साल ये आंकड़ा बढ़ने का अनुमान है।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. वीरेंद्र देव आर्य ने बताया कि धान की बिजाई का समय आ रहा है। 15 जून के बाद रोपाई शुरू हो जाएगी। इस विधि से खेतों में पानी भरकर धान की रोपाई की जाती है। रोपाई के बाद भी खेतों में पानी खड़ा करना पड़ता है जबकि जून व जुलाई माह में तापमान अधिक होने के कारण पानी का वाष्पीकरण होने से पानी की खपत बहुत अधिक हो जाती है। उन्होंने कहा कि किसान रोपाई की बजाय धान की डीएसआर मशीन से सीधी बिजाई करके गिरते भू जल स्तर को बचाने के अपने लेबर व समय आदि खर्च को कम कर सकते हैं। 15 से 20 फीसद पानी की होगी बचत

उपनिदेशक के मुताबिक धान की रोपाई करने वाली विधि के मुकाबले सीधी बिजाई करने पर 15 से 20 फीसद तक पानी की बचत होती है। सीधी बिजाई वाली विधि उन्हीं खेतों में करे, जहां किसान पहले से ही धान की फसल ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिजाई के समय 25 किलोग्राम डीएपी व 10 किलोग्राम जिक सल्फेट प्रति एकड़ डालें। यूरिया 28 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से बिजाई के 15 से 50 दिन बाद डाले। उन्होंने बताया कि सीधी बिजाई में (विशेषकर हल्की भूमि में) कभी कभी लोहे की कमी के कारण लक्षण नजर आ सकते हैं, जिसके लिए 0.5 फीसद फैरस-सल्फेट के घोल का छिड़काव करें। धान की सीधी बिजाई दो विधि से होती है। बतर खेत में ड्रिल से सीधी बिजाई व देर से प्रथम सिचाई

उपनिदेशक डा. वीरेंद्र देव आर्य ने बताया कि बतर खेत की दो-तीन बार जुताई कर सुहागा लगाएं। इसके बाद ड्रिल से कतारों में (20 सेमी) दूरी व (3 से 5 सेमी) गहराई पर बिजाई करें। फिर तुरंत सुहागा लगाएं ताकि नमी न उड़े और बीज व मिट्टी का पूरा संपर्क बना रहे। खेत की तैयारी व बिजाई सांयकाल करें, ताकि नमी कम उड़े। सूखे खेत में ड्रिल से सीधी बिजाई व तुरंत सिचाई

सूखे खेत की दो-तीन बार जुताई करके तैयार कर सुहागा लगाएं। ड्रिल से कतारों में (20 सेमी) दूरी व (2 से 3 सेमी) की गहराई पर बिजाई करें। उसके बाद सुहागा न लगाकर तुरंत सिचाई करें।

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