Deworming Program: पेट के कीड़े मारने की दवाई खिलाई जा रही, आधा लक्ष्य हो गया पूरा, क्या आपको मिली
पानीपत में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग एलबेंडाजोल की गोली खिला रहा है।22 सितंबर तक यह अभियान चलाया जाएगा। 24 साल तक की महिलाओं को भी इसमें कवर किया जा रहा है। विभाग ने आधा लक्ष्य पूरा कर लिया है।
पानीपत, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने लगभग दो लाख लाभार्थियों को एलबेंडाजोल गोली खिला दी है। यूं कहिए विभाग ने आधा लक्ष्य पूरा कर लिया है। 22 सितंबर तक चलने वाले अभियान के दौरान आशा वर्कर्स करीब चार लाख लाभार्थियों को एलबेंडाजोल (कृमि नाशक) गोली खिलाएंगी।
डोर-टू-डोर अभियान चलाया जा रहा है
लाभार्थियों में एक से 19 साल के लड़के-लड़कियां शामिल हैं। इस बार 19-24 साल की महिलाओं (गर्भवती और स्तनपान कराने वाली नहीं)को भी गोली खिलाई जा रही। नोडल अधिकारी डा. ललित वर्मा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के चलते अधिकांश स्कूल-कालेज बंद हैं या फिर कम विद्यार्थी पहुंच रहे हैं। इसलिए डोर-टू-डोर अभियान चलाया जा रहा है। अभिभावकों, वालियंटर्स, शिक्षकों, आंगनबाड़ी वर्कर्स का सहयोग लिया जा रहा है। औद्योगिक एरिया, कंस्ट्रक्शन साइट्स, ईंट भटठों जैसे हाई रिस्क एरिया को कवर करने के लिए श्रम विभाग की मदद भी ली गई है। 19 से 22 सितंबर तक मोप-अप राउंड चलेगा। इसमें वंचित लाभार्थियों को गोली खिलाई जानी है।
डा. वर्मा के मुताबिक साल में दो बार अभियान चलाया जाता है। मुख्य उद्देश्य गोली की मदद से पेट के कीड़ों को साफ करना है। पेट में कीड़े होने से शरीर में खून की कमी और कुपोषण जैसी स्थिति बन जाती है।
खाली पेट गोली न खाएं
डा. वर्मा ने बताया कि एलबेंडाजोल को कोई प्रतिकूल असर नहीं है। ध्यान रहे कि गोली खाने से पहले नाश्ता या भोजन जरूर कर लें। पेट में अधिक कृमि होने की स्थिति में इस दवा के सेवन से मामूली चक्कर या उल्टी हो सकती है। घबराएं नहीं, पानी पिएं और खुली हवा में लेट जाएं। कुछ देर में सामान्य अवस्था में आ जाएंगे।
महिलाओं को अधिक सचेत रहने की आवश्यकता
17 साल से 24 साल की महिलाओं को गोली सेवन से पहले अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है। महिला गर्भवती है या फिर शिशु को स्तनपान करा रही है तो एलबेंडाजोल गोली बिल्कुल न खाएं।
इतनी होनी चाहिए खुराक
गोली 400 एमजी की होती है। एक से दो साल के बच्चे को आधी गोली चूरा कर, पानी में घोलकर पिलाएं। दो साल या इससे अधिक आयु वालों को पूरी गोली चबाकर खानी है।