कैथल में कोरोना के बाद अब डेंगू का प्रकोप, तेजी से बढ़ रहे केस

हरियाणा के कैथल में कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बाद अब डेंगू तेजी से पांव पसार रहा है। डेंगू के रोजाना मरीज सामने आ रहे हैं। अब तक 46 मामले आ चुके हैं। इसको लेकर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग चिंतित है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 11:00 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 11:00 AM (IST)
कैथल में कोरोना के बाद अब डेंगू का प्रकोप, तेजी से बढ़ रहे केस
कैथल मेें कोरोना संक्रमण के साथ डेंगू का प्रकोप।

पानीपत/कैथल, जेएनएन। कैथल में कोरोना का प्रभाव कम हो रहा है, लेेकिन डेंगू मरीजों की संख्या तेेजी से बढ़ रही है। जहां शुक्रवार को कोरोना के मात्र तीन केस आए थे, वहीं डेंगू के छह केस मिले। डेंगू मरीजों की कुल संख्या 46 तक पहुंच गई है। डेंगू के बढ़ते केसों के कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ रही है। वहीं बदलते मौसम में बीमारियों का ग्राफ बढ़ रहा है। जिला सिविल अस्पताल में 15 से 20 प्रतिशत ओपीडी बढ़ी है।

राजौंद क्षेत्र में डेंगू केस ज्यादा

अब तक राजौंद क्षेत्र के गांव में डेंगू के केस ज्यादा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जहां डेंगू के केस मिले हैं, वहां का दौरा करते हुए लोगों को जागरूक किया है। आसपास के 50 घरों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। पिछले सप्ताह डेंगू के जहां एक ही दिन में 13 केस मिले थे, वहीं दो दिनों में 16 केस मिलने से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टेंशन बढ़ गई है। विभाग की तरफ से डेंगू के बचाव और सावधानियों को लेकर जागरूक करने  के लिए 85 टीमों का गठन करते हुए अलग-अलग क्षेत्र में सर्वे के लिए भेजा रहा है। अब तक 780 लोगों के घर और दुकानों पर लारवा मिलने के बाद नोटिस जारी किया जा चुका है।

जिला महामारी अधिकारी शमशेर सिंह ने बताया कि कोरोना महमारी के इस दौर में डेंगू भी दस्तक दे चुका है, इसलिए लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। डेंगू का लारवा लोगों के घरों में ही पनप रहा है। इसलिए पानी के बर्तनों की नियमित रूप से सफाई करें। घर के बाहर जमा पानी में काला तेल डाल दें या फिर मिट्टी डालकर उसे भर देंगे, ताकि डेंगू का मच्छर पैदा न हो। ऐसा करके ही हम डेंगू के प्रभाव को रोक सकते हैं। सिविल अस्पताल में विशेष ओपीडी और डेंगू का वार्ड बनाया गया है। किसी को बुखार के लक्षण है तो डेंगू की जांच करवा सकता है। अस्पताल में निशुल्क यह जांच होती है।

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