Dengue Alert: कोरोना के बाद डेंगू का खतरा, हरियाणा में बढ़ने लगे केस, मौत भी हो रही, आप सावधान रहें
डेंगू का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। करनाल में अब तक डेंगू के सात केस आ चुके हैं। निजी अस्पताल भी स्वास्थ्य विभाग को डेंगू के मरीज दाखिल करने पर जानकारी देंंगे। बढ़ते डेंगू के मामलों ने बढ़ाई चिंता।
करनाल, जागरण संवाददाता। मानसून सीजन में डेंगू के केसों में इजाफा हुआ है। जिले में अब तक सात केस सामने आए हैं। बरसात की गतिविधियों का दौर अभी जारी है, लेकिन बीच में आए ब्रेक के कारण मच्छरों की ब्रिडिंग शुरू हो गई। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। अचानक बढ़े डेंगू के केसों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की छह टीमें मंगलवार फील्ड में उतरी हैं। जिन्होंने बसंत विहार, बांसो गेट व कर्ण गेट में जाकर बुखार के मरीजों की छानबीन की। जिन मरीजों को बुखार था उनको एलाइजा टेस्ट के लिए नागरिक अस्पताल में भेजा गया। मलेरिया की संभावना पर मौके पर ही ब्लड सैंपलों की स्लाइड भी बनाई गई। दिनभर चली इस गतिविधि को सफल बनाने के लिए जिला मलेरिया अधिकारी डा. मंजू पाठक फील्ड में पहुंची और स्थिति का जायजा लिया।
निजी अस्पतालों को निर्देश, डेंगू का मरीज दाखिल करें तो दें सूचना
सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने निजी अस्पतालों को निर्देश जारी कर कहा है कि कार्ड टेस्ट मान्य नहीं है। एलाइजा टेस्ट से मान्य होगा। एलाइजा में यदि पाजीटिव पाया जाता है तो ही उसे से डेंगू कन्फर्म माना जाएगा। इसके साथ ही यदि कोई भी निजी अस्पताल डेंगू मरीजों को यदि दाखिल करता है तो उसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी।
एलाइजा टेस्ट के 600 रुपये से अधिक वसूले तो होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के मामलों को देखते हुए एलाइजा टेस्ट को रेट तय किया है। कोई भी लैब एलाइजा टेस्ट के 600 रुपये तक ले सकती है। संबंधित लैब को टेस्ट की निर्धारित फीस की जानकारी नोटिस के रूप में चस्पानी भी होगी। निर्धारित शुल्क से अधिक वसूल किए जाने की सूरत में संबंधित लैब के खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है।
रोजाना हो रहे 50 से 55 एलाइजा टेस्ट
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इस समय रोजाना 50 से 55 एलाइजा टेस्ट सरकारी लैब में किए जा रहे हैं। कुछ लोग प्राइवेट लैब से भी जांच करवा रहे हैं। अचानक बढ़े केसों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अपील की है कि बिना जांच के दवाईयां ना लें। सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज की व्यवस्था है, वहां से अपना इलाज करा सकते हैं।
अक्टूबर माह पर रहेगा विशेष नजर
सितंबर माह के अंतिम पखवाड़े में आए डेंगू के केसों ने चिंता बढ़ा दी है। सितंबर माह मानसून का आखिरी माह माना जाता है। मानसून विदाई के बाद मच्छरों की ब्रिडिंग शुरू हो जाती है। ऐसे में अक्टूबर माह में डेंगू के केसों में इजाफ हो सकता है। लोगों ने यदि सावधानी नहीं बरती तो अक्टूबर में डेंगू के केसों का पीक आ सकता है।
जानिये... यह हैं डेंगू मच्छर पैदा होने वाली संभावित ठिकाने
- फ्रिज की ट्रे में पानी एकत्रित होने की संभावना रहती है, जिसमें लारवा हो सकता है।
- कूलर में कई दिनों तक पानी जमा होने से लारवा पनप सकता है।
- पानी इस्तेमाल ना किया जाए तो पानी की टंकी में पनप सकते हैं।
- घरों में बरसात के कारण गमलों में जमा पानी से मच्छर पैदा हो सकते हैं
- निर्माणाधीन मकान में एकत्रित पानी से
क्या करें लोग?
- घरों के आस-पास गड्ढों को मिट्टी से भरवा दें।
- अपने कूलर, होदी या पानी से भरे हुए बर्तन सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करें।
- शरीर को ढककर रखे और मच्छर रोधी दवा या क्रीम व कीटनाशक दवाई से उपचारित मच्छरदानी का उपयोग करें।
- पूरी बाजू के वस्त्र पहनें।
- छतों पर रखी पानी की टंकियों को ढक्कन लगाकर बंद रखे।
- बुखार आने पर डाक्टर की सलाह अवश्य लें।
क्या ना करें?
- अपने स्तर पर दवाईयां ना खाएं।
- बुखार आने पर अस्पताल जाकर जांच कराएं।
- ब्रुफिन दवाइयो का सेवन न करें।
- घरों के आस-पास के गड्ढों में 7 दिन से ज्यादा पानी एकत्रित ना होने दें।
- पुराना सामान जैसे टायर, ट्यूब, खाली डिब्बे, पालीथिन के लिफाफे खुले मे न फैंके, ताकि बरसात का पानी उनमें न भरे।
- हैंडपंप या नल के आस-पास पानी जमा न होने दें। टायर ट्यूब, खाली डिब्बे खुले में न छोड़े।
जिले में डेंगू के केसों की स्थिति
वर्ष डेंगू के केस
2010 72
2011 01
2012 14
2013 185
2014 03
2015 215
2016 23
2017 234
2018 106
2019 29
2020 93
2021 07
नोट : यह आंकड़े स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए हैं।
डेंगू के सात केस आए हैं, जिसको लेकर हमने टीमों को अलर्ट कर दिया है। छह टीमें विशेषकर बसंत विहार, बांसो गेट व कर्ण गेट गई हैं, जहां पर फीवर मास सर्वे कराया जा रहा है। लोगों से अपील है कि वह घरों व अपने आसपास कहीं पर भी पानी जमा ना होने दें। पूरी बाजू के कपड़े पहनें। निजी अस्पतालों को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि वह डेंगू का मरीज दाखिल करते हैं तो इसकी सूचना तुरंत दें, इसके साथ ही एलाइजा का निर्धारित शुल्क 600 रुपये है उससे ज्यादा यदि कोई लेता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। लोग सावधानी बरतें। बिना जांच कराएं दवाईयां ना लें।
डा. योगेश शर्मा, सिविल सर्जन, स्वास्थ्य विभाग करनाल।