Dengue Alert: कुरुक्षेत्र में कोरोना से राहत, डेंगू बना आफत, दो साल का टूटा रिकार्ड

कुरुक्षेत्र में डेंगू ने दो साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। मलेरिया विभाग की टीमों को बड़ी तादाद में मिल रहा डेंगू का लारवा। 23 से बढ़कर 28 मरीज हो गए डेंगू के सोमवार को सुबह पांच नए मामले आए। 2020 में मिले थे डेंगू के पांच केस।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 06:41 PM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 06:41 PM (IST)
Dengue Alert: कुरुक्षेत्र में कोरोना से राहत, डेंगू बना आफत, दो साल का टूटा रिकार्ड
कुरुक्षेत्र में डेंगू के मामले बढ़ रहे।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस से सितंबर माह में राहत मिलने के बाद अब डेंगू आफत बनकर आ गया है। जिले में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जिले में सोमवार सुबह को डेंगू के पांच नए मरीज सामने आ गए। इनमें से एक कलसाना, एक मथाना और एक थानेसर में मिला, जबकि दो ग्रामीण क्षेत्रों से बताए जा रहे हैं। अब जिले में डेंगू के मामले 23 से बढ़कर 28 हो गए हैं। मलेरिया विभाग की टीमों ने केस मिलते ही मरीजों के घर व आसपास के क्षेत्रों में एंटी लारवा एक्टिविटी चलाई। वहीं अगर बात करें तो डेंगू के संदिग्ध मरीजों की जिले भर में भरमार है। निजी अस्पतालों में डेंगू संदिग्ध मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। थानेसर के महादेव मोहल्ला में भी संदिग्ध डेंगू के मरीज मिले हैं। चिंता बढ़ाने वाली बात तो यह है कि मलेरिया विभाग की टीमों को बड़ी तादाद में घरों से डेंगू का लारवा मिल रहा है।

पहले समझते रहे कोरोना से बचाव की वैक्सीन लगवाने से चढ़ा बुखार, मगर गिर गए प्लेटलेट्स

महादेव मोहल्ला में एक पूरा परिवार संदिग्ध डेंगू के लक्षणों से जूझ रहा है। संदिग्ध डेंगू पीड़ित मरीज ने बताया कि उन्होंने बुधवार को कोरोना की वैक्सीन लगवाई थी। इसके बाद से उन्हें तेज बुखार है। पहले सोचा कि वैक्सीन की वजह से बुखार हो गया होगा। मगर जब पांच से छह दिन तक बुखार नहीं उतरा तो एलएनजेपी अस्पताल में आकर जांच कराई। जांच के दौरान पता लगा कि उनके प्लेटलेट्स महज 50 हजार रह गए हैं और रेड ब्लड सैल्स भी गिर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार संदिग्ध बुखार की चपेट में है।

दो साल का रिकार्ड तोड़ा डेंगू ने

कोरोना बीमारी के बाद अब डेंगू भी इस साल लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। पिछले साल वर्ष 2020 में डेंगू के महज पांच केस सामने आए थे। जबकि वर्ष 2019 में डेंगू के 24 केस सामने आए थे। वहीं अब तक जिले के मलेरिया विभाग 28 डेंगू के मरीजों की पुष्टि कर चुका है, जबकि संदिग्ध मरीजों की संख्या इससे कहीं गुणा ज्यादा है। ऐसे में साफ है कि पिछले दो साल के मुकाबले इस साल डेंगू लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। इससे पहले वर्ष 2018 में डेंगू के 150 से ज्यादा केस दर्ज हुए थे।

स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता के साथ कर रहा काम : डा. सुदेश सहोता

मलेरिया विभाग के नोडल अधिकारी डा. सुदेश सहोता ने कहा कि टीमें पूरी सतर्कता के साथ अपने काम में जुटी हुई हैं। छुट्टी वाले दिन भी टीमें फील्ड में उतरकर काम कर रही हैं। केस जरूर निकल रहे हैं लेकिन विभाग जल्द ही स्थिति पर काबू पा लेगा। अभी स्थिति नियंत्रण में है। मगर लोगों को भी इसमें स्वास्थ्य विभाग का साथ देना होगा। विभाग की टीमें तो घर-घर जाकर जांच कर ही रही है, लेकिन बहुत बार टीमों की नजर उस जगह पर नहीं जा पाती जहां पर डेंगू का लारवा पनप रहा होता है। इसके लिए लोगों को जागरूक होना होगा और उन्हें खुद यह सुनिश्चित करना होगा कि कहीं उनके घर के किसी कोने में, छत या गमले में कहीं पानी तो नहीं खड़ा। जिले में अब तक डेंगू के 28 मामले आ गए हैं।

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