Dengue Alert: 104 बुखार यानि डेंगू का हो सकता है अलार्म, हो जाएं सतर्क, देरी खतरनाक
Dengue Alert टाइगर मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि मच्छर के शरीर व टांगों पर चीते की तरह सफेद धारियां पाई जाती हैं। यह मच्छर आम तौर पर सुबह या देर शाम को सूरज ढलने से पहले काटता है।
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। Dengue Alert: अगर 104 बुखार आ रहा है तो इसे डेंगू का अलार्म समझिए। लोग इसी बात को समझने में देर कर जाते हैं, जिसकी वजह से बाद में पछताना पड़ता है। डेंगू में अगर पहले ही दिन से संभल जाएं और किसी भी एंटी बायोटिक दवा का प्रयोग करने की बजाए विशेषज्ञ से डेंगू का इलाज कराएं तो इसे हराया जा सकता है। मगर इसके लिए आपको सतर्क होने की जरूरत है। डेंगू है या नहीं इसकी पुष्टि के लिए मलेरिया लैब में जाकर एलाइजा टेस्ट करा सकते हैं, जो बिल्कुल निशुल्क है। विशेषज्ञों की माने तो एस्प्रिन और ब्रुफेन का प्रयोग इसमें खतरनाक हो सकता है। इसलिए बचाव के लिए प्लेन पैरासिटामोल का ही प्रयोग करें। भोजन सुपाच्य लें और लिक्विड का सेवन बढ़ा दें। इन छोटे-छोटे प्रयासों से डेंगू से बचा जा सकता है।
वर्ष मरीज
2015 192
2016 62
2017 326
2018 06
2019 18
2020 05
2021 अब तक 125
ऐसे फैलता है डेंगू
टाइगर मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि मच्छर के शरीर व टांगों पर चीते की तरह सफेद धारियां पाई जाती हैं। यह मच्छर आम तौर पर सुबह या देर शाम को सूरज ढलने से पहले काटता है। जब संक्रमित मच्छर एक स्वस्थ मनुष्य को काटता है, तो उसके रक्त में वायरस छोड़ देता है।
डेंगू के लक्षण
डेंगू का लक्षण सिर और आंखों के पीछे तेज दर्द होता है। वहीं ठंड के साथ 104 बुखार होता है। सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, शरीर पर चकत्ते मतली और उल्टी होना भी इसके लक्षण हैं। बुखार होने के दो या तीन दिन बाद भयंकर पेट दर्द आरंभ हो जाता है। दिन में दो से तीन बार उल्टी, उल्टी में खून आना, सांस लेने में दिक्कत या तेज सांस, थकान, बेचैनी, चक्कर आना, घबराहट, शरीर पर काले या गहरे भूरे चकत्ते निकलना विशेषत: पीठ पर दिखाई देते हैं।
इस बात को रखें याद
एलएनजेपी अस्पताल के फिजिशियन डा. कृष्ण कुमार बताते हैं कि पेरासिटामोल का ही सेवन करें। गुनगुने पानी से माथा पोंछे। दर्द निवारक दावा एस्प्रिन या ब्रुफेन का इस्तेमाल न करें। उल्टी होने पर जीवन रक्षक घोल का सेवन करते रहें। गंभीर संक्रमण होने पर अस्पताल में फ्लूड या जरूरत पड़ने पर प्लेटलेट्स चढ़वाएं। हृदय रोग पीड़ित व्यक्ति जो एस्प्रिन या इस जैसी रक्त पतला करने वाली दवा ले रहे होते हैं, उन्हें चिकित्सक की सलाह से इन्हें बंद करना पड़ सकता है।
रोकथाम के लिए ये करें
सबसे जरूरी कदम है मच्छर की रोकथाम के उपाय करने चाहिए। आवास के आसपास पूर्ण साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें। कूलर, टैंक, ड्रम को ढक कर रखें या पानी सप्ताह में एक बार खाली करके सुखा दें। घरों के आसपास पानी एकत्रित होने वाली सभी अनुपयोगी वस्तुएं जैसे-टीन के डब्बे, कांच एवं प्लास्टिक की बोतलें, नारियल के खोल, पुराने टायर नष्ट कर दें। पानी में लार्वा पाए जाने पर लार्वानाशक दवा के पानी का सतह पर छिड़काव करें। फ्रीज के ड्रिप-पैन से पानी प्रतिदिन खाली करें। त्वचा को खुला न छोड़ें। पूरी बाजू के कपड़े पहनें। पैरों पर जूते और जुराब डाल कर रखें ताकि मच्छर न काटे।