जींद में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर मुख्यालय भेजी डिमांड, जानिए क्या है तैयारी
जींद में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अस्पताल के पुराने भवन में बनाया पीआइसीयू। वार्ड के सभी कमरों को सैनिटाइज करने के बाद बच्चों को दाखिल करने के हिसाब से तैयार किया जा रहा है।
जींद, जेेेेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के कगार पर है। संक्रमण की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुट गया है। तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण की आशंका को देखते हुए उससे निपटने की व्यवस्था में लगा हुआ है। जिला मुख्यालय पर बने नागरिक अस्पताल के पुराने भवन में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) बनाया गया है। फिलहाल इस भवन में कोरोना मरीजों के लिए कोविड वार्ड बनाया गया था।
अस्पताल प्रशासन ने यहां पर दाखिल मरीजों को नए भवन के कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। वार्ड के सभी कमरों व बेडों को सैनिटाइज करने के बाद बच्चों को दाखिल करने के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। पुराने भवन में करीब 70 बेडों की व्यवस्था है। जहां पर इन बेडों को बच्चों की आयु वर्ग केहिसाब से बांटकर उसकी तरीके से तैयार किया जाएगा। इसके अलावा नरवाना के नागरिक अस्पताल में भी बच्चों के वार्ड बनाने की मंजूरी दी है। इसके अलावा सभी सीएचसी स्तर पर भी 10-10 बेड की व्यवस्था की जाएगी।
70 मानिटर की डिमांड भेजी
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पताल प्रशासन के सामने जो भी समस्याएं सामने आई थी, उनको अभी से दूर करने में लग गया है। लहर की शुरुआत में कोरोना मरीजों की आक्सीजन लेवल व पल्स रेट को जांचने के लिए आक्सीमीटर की समस्या सामने आई थी। इसलिए अस्पताल प्रशासन ने इस बार पल्स रेट व आक्सीजन लेवल जांचने के लिए हर बेड पर मानिटर लगाने का प्लान तैयार किया है। इसके लिए मुख्यालय को 70 मॉनिटर की डिमांड भेजी है। इसके अलावा मास्क व पीपीइ किट की डिमांड भी अभी से भेज दी गई है। इसके अलावा 50 बड़े आक्सीजन कंसंट्रेटर की डिमांड भेजी गई है। फिलहाल विभाग के पास लगभग 60 छोटे आक्सीजन कंसंट्रेटर है, लेकिन मरीज के अनुरूप आक्सीजन नहीं दे पाते।
बाल रोग विशेषज्ञों की कमी
संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन विभाग के पास बाल रोग विशेषज्ञों की कमी है। जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास दो ही बाल रोग विशेषज्ञ हैं और उनके सहारे ही बच्चों की ओपीडी चल रही है। इसके अलावा बच्चों के हिसाब से प्रशिक्षित स्टाफ भी नहीं है। कहा जा रहा है कि पैरामेडिकल स्टाफ को भी बच्चों के इलाज से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी।
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। अस्पताल के पुराने भवन के कोविड वार्ड को खाली करवाकर वहां पर पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट बनाई जा रही है। दूसरी लहर के दौरान जो भी कमियां सामने आई थी, उनको दूर किया जा रहा है। तीसरी लहर से निपटने के लिए जिन उपकरणों की जरूरत है उनकी डिमांड मुख्यालय को भेज गई है।
डा. गोपाल गोयल, एसएमओ नागरिक अस्पताल जींद