Haryana Weather Update: हरियाणा में दूसरी बार हुई मानसून की वापसी में देरी, जानिए अब कैसा रहेगा मौसम

हरियाणा में दूसरी बार मानसून की वापसी देरी से हुई। मानसून की जल्दी शुरुआत और देरी से वापसी के बाद चार माह बना रहा बरसात का मौसम। अच्छी बरसात के साथ हुई है मानसून की विदाई। वहीं अब एक हफ्ते में मौसम में तेजी से बदलाव होगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 04:39 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 04:39 PM (IST)
Haryana Weather Update: हरियाणा में दूसरी बार हुई मानसून की वापसी में देरी, जानिए अब कैसा रहेगा मौसम
हरियाणा में मानसून की देरी से वापसी।

करनाल, जागरण संवाददाता। दक्षिण-पश्चिम मानसून 2021 ने 25 अक्टूबर को पूरे देश से वापसी पूरी कर ली है। 2017 में भी मानसून इसी तारीख को वापस हुआ था। सबसे अधिक देरी से 2020 में 28 अक्टूबर को मानसून की वापसी हुई थी। यह वापसी 2021 दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत के साथ मेल खाती है, जैसा कि पिछले साल 2020 में भी हुआ था। मौसम विभाग के मुताबिक अब मौसम में तेजी से बदलाव आएगा। एक हफ्ते में तापमान में तेजी से गिरावट होगी। न्‍यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचेगा।

दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत की सामान्य तिथि एक जून है और वापसी की सामान्य तिथि 15 अक्टूबर है। इस साल मानसून की शुरुआत तीन जून को हुई थी और अंतिम निकास 25 अक्टूबर को हुआ था। लगभग 145 दिनों तक बना रहा। जल्दी शुरुआत या देर से वापसी के बावजूद, मौसमी बरसात 4 महीने तक सीमित है और 30 सितंबर को बंद हो जाते हैं।

राजस्थान के लिए सबसे छोटी होती है मानसून की अवधि

मौसम विभाग के मुताबिक सक्रिय मानसून की अवधि राजस्थान के लिए सबसे छोटी लगभग 2 महीने होती है, जबकि देश के मध्य और पूर्वी भागों के लिए पूरे 4 महीने है। मौसम के दौरान कुल 880.6 मिमी वर्षा होती है। जिसमें जुलाई और अगस्त देश के सभी हिस्सों में मुख्य मानसून महीने होते हैं। मानसून की वापसी के लिए मानदंड के एक सेट को पूरा करने की आवश्यकता है। जिसमें लगातार 5 दिनों के लिए क्षेत्र में बरसात गतिविधि बंद हो जाती है। एंटीसाइक्लोन की स्थापना के साथ हवा के पैटर्न में उलट, नमी की मात्रा को कम करने के लिए जल वाष्प इमेजरी से अनुमान लगाया जाता है।

साल 1963 में सबसे छोटा रहा था मानसून का स्पेल

मौसम विभाग के मुताबिक 1960 से लेकर अब तक मानसून की स्थिति पर गौर किया जाए तो 23 सितंबर 1963 को सबसे पहले मानसून की वापसी हुई थी। जबकि 28 अक्टूबर 2019 को सबसे अधिक देरी हुई। मानसून वापसी का पैटर्न कुछ हद तक तिरछा है। जिसमें 30 सितंबर से पहले- 8 बार, 1-05 अक्टूबर के बीच -11 बार, 06-10 अक्टूबर के बीच-17 बार, 11-15 अक्टूबर के बीच -16 बार और 16-28 अक्टूबर के बीच-8 बार निकासी देखी गई थी। आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि 50 प्रतिशत से अधिक मौकों पर 06 से 15 अक्टूबर के बीच निकासी हुई।

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