डीसी ने दूसरी जांच में एनएचएम भर्ती को सही ठहराया
दरअसल नवंबर 2019 में एनएचएम के तहत विभिन्न पदों पर 66 कर्मियों की भर्ती हुई थी। जनवरी-2020 में इन्हें नियुक्ति दी गई।
जागरण संवाददाता, पानीपत : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) भर्ती मामले में जिला प्रशासन ने दूसरी जांच रिपोर्ट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक को भेज दी है। इस रिपोर्ट में भर्ती को लगभग पाक-साफ बताया है। इसी के साथ चयन कमेटी सदस्यों को भी राहत दे दी है। बता दें कि अक्टूबर-2020 में प्रशासन ने भर्ती पर सवाल उठाते हुए, मिशन निदेशक को रिपोर्ट भेजी थी।
दरअसल, नवंबर 2019 में एनएचएम के तहत विभिन्न पदों पर 66 कर्मियों की भर्ती हुई थी। जनवरी-2020 में इन्हें नियुक्ति दी गई। गांव हथवाला वासी रणबीर ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सहित तमाम जगह शिकायत दी थी कि भर्ती में प्रदेश सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ था। चयनित हुए सभी कर्मियों को स्थानीय का लाभ देकर 20 अंक प्रदान किए गए हैं। मिशन निदेशक ने डीसी धर्मेंद्र सिंह को जांच के निर्देश दिए थे। डीसी ने तत्कालीन नगराधीश से जांच कराई थी। नगराधीश ने रिपोर्ट दी थी कि भर्ती सही प्रतीत नहीं होती है। डीसी ने यही रिपोर्ट निदेशक को भेजी थी। निदेशक ने दिसंबर-2020 में भर्ती को रद करने के आदेश दिए थे। डीसी और सिविल सर्जन ने भर्ती रद करने के बजाय दोबारा जांच करनी शुरू कर दी।
दूसरी जांच रिपोर्ट में कहा गया कि भर्ती के समय एड्रैस प्रूफ के संदर्भ में विशेष दस्तावेज चिन्हित नहीं किया गया था। जिस भी दस्तावेज से रिहाइश पानीपत सिद्ध हुई, उसी को आधार मानकर 20 अंक दिए गए। अंक देने में भी एकरूपता है।
शिकायतकर्ता बोला, गलत ढंग से जांच : शिकायतकर्ता रणबीर ने जागरण को बताया कि पहली जांच में निवर्तमान सिविल सर्जन ने एक कर्मचारी के सभी आवासीय प्रूफ को गलत माना था। जिला प्रशासन ने माना था कि भर्ती ठीक प्रतीत नहीं होती है। ऐसे में दोबारा जांच, गलत लोगों का बचाव करना है। दूसरी जांच में कमेटी ने प्रदेश सरकार की गाइडलाइन को नजरअंदाज किया है। पहली जांच रिपोर्ट, दूसरी जांच रिपोर्ट, भर्ती के समय का विज्ञापन और सरकार की गाइडलाइन आदि दस्तावेज स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को सौंपूंगा।